ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं तो इन पांच तरीकों से खुद को रखें सेफ
ऑनलाइन बैंकिंग करते समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप सुरक्षित लेनदेन करें
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। लोग घर बैठे आसानी से फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी बना रहता है। हैकर्स कई बार आपकी जानकारी हैक कर लेते हैं। इसलिए ऑनलाइन बैंकिंग करते समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप सुरक्षित लेनदेन करें। कंप्यूटर और इंटरनेट का सही इस्तेमाल कर और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए इससे बचा जा सकता है। हम इस खबर के जरिए बता रहे हैं कि आपको कैसे सेफ ट्रांजेक्शन करना चाहिए।
पासवर्ड: पासवर्ड हमेशा अक्षर, नंबर और शब्दों में रखें। ऐसे में आपकी नेट बैंकिंग सुरक्षित रहेगी। कोशिश करें कि स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करें। ऐसे पासवर्ड का इस्तेमाल करें जिसे याद रखने में आपको मुश्किल न हो। जैसे कोई अक्षर लिखें फिर, एक शब्द लिखें फिर एक नंबर लिख सकते हैं।
किसी लिंक को न करें फॉलो: नेट बैंकिंग करते समय किसी भी तरह के लिंक पर क्लिक न करें। हो सकता है वो कोई ऐसा लिंक हो जिसपर क्लिक करते ही आपकी जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाए। इसके अलावा नेट बैंकिंग के समय किसी भी पॉप पर क्लिक करने से बचें।
कैशे को क्लियर करते रहें: कोशिश करें कि जब नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना हो तो कैशे को क्लियर कर लें। इसके अलावा जब भी आईडी पासवर्ड को सेव करने का ऑप्शन आता हो तो नेवर पर क्लिक करें। ऐसे आप नेट बैंकिंग करते समय फ्रॉड से बचे रहेंगे।
सेफ रहें: अपने कंप्यूटर, लैपटॉप को अपडेट रखें। सभी जरूरी सिक्यूरिटी फीचर इनस्टॉल रखें। इसके अलावा पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचें। नेट बैंकिंग के समय ऑफिस के कंप्यूटर का इस्तेमाल न करें। कोशिश करें हमेशा पर्सनल कंप्यूटर का यूज किया जाए। समय समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहें।
ऑन-स्क्रीन की बोर्ड: यह आपके खाते को सुरक्षित रखने का सबसे आसान तरीका है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए बैंक की ओर से यूजर-नेम व पासवर्ड की सुविधा दी जाती है। नेट बैंकिंग के वक्त की- लॉगर आपके कंप्यूटर पर कोई हार्डवेयर या एप्लिकेशन होता है। यह आपकी ओर से टाइप की गई जानकारी को हैकर्स तक पहुंचाता है। जिससे हैकर्स के लिए उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड ढूंढना काफी आसान होता जाता है वहीं सॉफ्टवेयर लॉगर्स को स्पॉट करना काफी कठिन होता है। अगर सेफ्टी की बात करें तो ऑन-स्क्रीन कीबोर्ड भी अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।