गेहूं निर्यातकों को क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा जारी की जाएगी आरसी, DGFT ने दिया ये निर्देश
क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा गेहूं निर्यातकों को आरसी (Registration of Contracts) दी जाएगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने क्षेत्रीय अधिकारियों से सभी गेहूं निर्यातकों को आरसी जारी करने का निर्देश जारी किया है। आवेदन जमा करने के बाद गेहूं निर्यातकों को अनुबंधों का पंजीकरण (आरसी) जारी किया जाएगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को उन गेहूं निर्यातकों को अनुबंधों का पंजीकरण (Registration of Contracts) जारी करने का निर्देश दिया है, जिनके पास अपरिवर्तनीय साख पत्र (irrevocable letters of credit) हैं, ताकि वे अपने अनुबंधों का सम्मान कर सकें। यह निर्देश सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद आया है, लेकिन विदेशी शिपमेंट की अनुमति दी गई है, जिसके लिए 13 मई को या उससे पहले अपरिवर्तनीय एलओसी (लेटर ऑफ क्रेडिट) जारी किया गया है।
आपको बता दें कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा है, जो निर्यात और आयात से संबंधित मामलों से संबंधित है। डीजीएफटी के तहत सभी आरए (क्षेत्रीय प्राधिकरण) को निर्देश दिया गया है कि निर्यातकों द्वारा सभी तरह से पूर्ण आवेदन जमा करने पर 24 घंटे की निर्धारित समय सीमा के भीतर गेहूं के निर्यातकों को अनुबंधों का पंजीकरण (आरसी) जारी किया जाए। डीजीएफटी ने एक ट्रेड नोटिस में कहा है।
विदेशों से भारतीय गेहूं की मांग
विदेशों से भारतीय गेहूं की बेहतर मांग के कारण भारत का गेहूं निर्यात 70 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहा, जिसका मूल्य 2.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत शिपमेंट बांग्लादेश को निर्यात किया गया था। वहीं, एक अनुमान के अनुसार इस चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 43 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए अनुबंधित किया गया है।
अप्रैल और मई में 12 लाख टन गेहूं का निर्यात
वाणिज्य सचिव बी.वी.आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इसमें से 12 लाख टन का निर्यात अप्रैल और मई में किया जा चुका है और 11 लाख टन अन्य निर्यात किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा है कि यदि किसी निर्यातक के पास एक वैध आदेश- अपरिवर्तनीय साख पत्र है, तो उस अनुबंध का सम्मान किया जाएगा। इसलिए, एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की विश्वसनीयता बनी हुई है।