RBI द्वारा रेपो रेट घटाने के बावजूद क्रेडिट ग्रोथ घटकर दो साल के निचले स्तर पर आया, ये रही वजह
RBI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ इस साल सितंबर के अंत तक घटकर 8.8 फीसद रह गई है।
मुंबई, रॉयटर्स। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ घटकर लगभग दो साल के निचले स्तर पर आ गया है क्योंकि घरेलू खपत घटने से मांग में कमी आई है। केयर रेटिंग्स के चीफ इकॉनोमिस्ट मदन फडणवीस ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ में इस समय सुस्ती मांग और आपूर्ति दोनों के कम होने का नतीजा है। बैंकों का लेंडिंग ग्रोथ साल की शुरुआत से सितंबर के अंत तक लगभग आधा घट गया और यह 8.8 फीसद रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में देया के सभी बैंक शामिल हैं। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे सरकारी बैंक और एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई जैसे प्राइवेट बैंक भी शामिल हैं।
एक तरफ जहां खुदरा कर्ज से ग्रोथ बढ़ी है वहीं, बैंक कुछ कंज्यूमर लोन्स को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। एक प्राइवेट बैंक के उपभोक्ता बैंकिंग श्रेणी के प्रमुख ने कहा, 'कुछ खास खुदरा लोन के मामले में यह देखने को मिल रहा है कि ग्राहक नियत तिथि के कुछ दिनों बाद भुगतान कर रहे हैं।'
पिछले महीने इंडिया रेटिंग्स की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें अनुमान लगाया गया था कि हाउसिंग और ऑटो सहित विभिन्न सेगमेंट में आई खपत में गिरावट को देखते हुए खुदरा कर्ज में 2020 के दौरान और कमी आ सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड्स, एजुकेशन लोन और दूसरे पर्सनल लोन जैसे अनसिक्योर्ड लोन की ग्रोथ में कमी आई है।
देश में कर्ज की समस्या IL&FS के धराशायी होने के बाद बढ़ी है। कुछ प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) जहां काफी सोच-समझ कर लोन दे रही हैं वहीं अन्य ने लोन देना पूरी तरह बंद ही कर दिया है।
हालांकि, बैंकों ने एनबीएफसी की बाजार हिस्सेदारी को एक अवसर की तरह नहीं लिया। एनबीएफसी ने पिछले साल के अंत तक 30 फीसद ऑटो लोन और 40 फीसद से अधिक होम लोन दिया था। कर्ज में कमजोर ग्रोथ ऐसे समय में देखी जा रही है जब बैंक लगातार ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं।
इस साल अब तक आरबीआई ने रेपो रेट में 135 आधार अंकों की कटौती की है। इसके बावजूद बैंकों ने इसके बराबर ब्याज दरों में कटौती नहीं की। पिछले कुछ महीनों से बैंकों द्वारा ब्याज दर घटाने में तेजी आई है।