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बैंकों में बढ़ने लगी MCLR , समझिए आम आदमी पर पड़ेगा क्या असर

बैंक की ओर से एमसीएलआर दर में इजाफे का मतलब लोन का महंगा होना होता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 03 May 2018 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 02:40 PM (IST)
बैंकों में बढ़ने लगी MCLR , समझिए आम आदमी पर पड़ेगा क्या असर
बैंकों में बढ़ने लगी MCLR , समझिए आम आदमी पर पड़ेगा क्या असर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। साल 2018 की शुरुआत से लेकर अब तक बैंकों की ओर से ग्राहकों के लिए अच्छी खबर नहीं आई है। देश के तमाम सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने इस साल एमसीएलआर दरों में इजाफा किया है। बैंकों की ओर से एमसीएलआर दरों में किए गए इजाफे का सीधा मतलब लोन का महंगा होना है। हम अपनी इस खबर में आपको बताएंगे कि देश के किन किन बैंकों ने इस साल एमसीएलआर दरों में इजाफा किया है और इस इजाफे का आपकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा।

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आखिर क्या है MCLR?

आपको बता दें कि एमसीएलआर वह दर होती है जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है। इससे कम दर पर देश का कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है, सामान्य भाषा में यह आधार दर ही होती है।

MCLR बढ़ने से आम आदमी को नुकसान?

MCLR बढ़ने से आम आदमी को सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि उसका मौजूदा लोन महंगा हो जाता है और उसे पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ जाती है। यह आम आदमी के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है।

इन बैंकों ने एमसीएलआर दरों में किया इजाफा:

एसबीआई: सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मार्च 2018 में MCLR को बढ़ाकर लोन मंहगा कर दिया है। एसबीआई ने एमसीएलआर को 0.25 फीसद तक बढ़ा दिया है। बैंक के इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन आदि सभी महंगे हो जाएंगे। बैंक की ये नई दरें एक मार्च से लागू हो गई हैं।

इलाहाबाद बैंक ने भी किया दरों में इजाफा: सरकारी बैंक इलाहाबाद बैंक ने लेंडिंग रेट में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। ये नई दर 1 मई से लागू होनी है। इस कदम से मौजूदा और नए होम लोन, ऑटो एवं पर्सनल लोन की ब्याद दरें बढ़ जाएंगी। बैंक की ओर से की गई नियामकीय फाइलिंग में बताया गया है कि उसने दो साल की अवधि (छह महीने की अवधि को छोड़कर) वाले लोने के लिए एमसीएलआर को 5 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा दिया है। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर दर को बढ़ाकर 8.3 फीसद कर दिया गया है जो कि पहले 8.25 फीसद हुआ करती थी। वहीं दो साल क अवधि के लिए यह दर 8.5 फीसद है।

कर्नाटका बैंक ने बढ़ाई MCLR: कर्नाटका बैंक ने भी अपनी एमसीएलआर को संशोधित कर दिया है और नई दर 1 अप्रैल 2018 से प्रभावी है। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर बढ़कर 8.80 फीसद हो गई है जो कि पहले 8.75 फीसद हुआ करती थी, वहीं छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 8.45 फीसद हो गई है जो कि पहले 8.35 फीसद थी। वहीं एक महीने की एमसीएलआर 8.30 फीसद से बढ़ाकर 8.40 फीसद कर दी गई है और ओवरनाइट एमसीएलआर 8.25 फीसद से बढ़कर 8.35 फीसद हो गई है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एमसीएलआर में हुआ 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा: बैंक ऑफ बड़ौदा की सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर दर में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया गया है। ये नया संशोधन 7 अप्रैल से प्रभावी हो गया है। अब बैंक की एक साल की एमसीएलआर 8.40 फीसद होगी जो कि पहले 8.30 फीसद हुआ करती थी।


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