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नए बेस इयर के साथ जारी हुई WPI और IIP सीरीज, जानिए इससे जुड़ी हर अहम बात

जानिए WPI और IIP के जुड़ी अहम बातें

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 15 May 2017 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 16 May 2017 01:18 PM (IST)
नए बेस इयर के साथ जारी हुई WPI और IIP सीरीज, जानिए इससे जुड़ी हर अहम बात
नए बेस इयर के साथ जारी हुई WPI और IIP सीरीज, जानिए इससे जुड़ी हर अहम बात

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने बीते दिनों नए आधार वर्ष के साथ WPI और IIP सीरीज जारी की थी। इसके लिए अर्थशास्त्री और एक्सपर्ट्स लंबे समय से मांग भी कर रहे थे। इस संशोधन को तर्कसंगत बताते हुए सरकार ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि समयावधि समीक्षा और व्यापक आर्थिक संकेतकों के आधार वर्ष में संशोधन एक नियमित अभ्यास है। इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन को जानना और सूचकांक की गुणवत्ता, कवरेज एवं प्रतिनिधित्व में सुधार करना है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इससे जुड़ी हर वो छोटी-बड़ी चीज बताने की कोशिश करेंगे जो आपके लिए जरूरी है।

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एक्सपर्ट्स का नजरिया:

दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉमर्स के प्रोफेसर और आर्थिक मामलों के जानकार आलोक पुराणिक ने बताया कि WPI और CPI का आधार वर्ष बदलने से अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर सामने आ पाएगी और अब जो आंकड़े सामने आएंगे वो प्रासंगिक होंगे। उन्होंने बताया कि आधार वर्ष के क्या मायने हैं और ये क्यों अहम है।

WPI:

संशोधित सीरीज में, थोक मूल्य सूचकांक तीन प्रमुख समूहों अर्थात प्राइमरी आर्टिकल, ईंधन और बिजली एवं विनिर्मित उत्पादों का गठन जारी रखेगा। जानिए इसमें क्या कुछ बदलाव हुए हैं...

• अपडेटेट आइटम बास्केट और वेटिंग स्ट्रक्चर साल 2011-12 की अर्थव्यवस्था के ढांचे के अनुरूप है।
• आइटम की संख्या को 676 से बढ़ाकर 697 कर दिया गया है। सभी 199 नए आइटमों को जोड़ दिया गया है और 146 पुराने आइटम हटा दिए गए हैं।
• प्रेस रिलीज के मुताबिक,नई सीरीज में अधिक प्रतिनिधि हैं जिसमे 5,482 से लेकर 8,331 तक कोटेशन संख्या में वृद्धि की गई है। इसमें 2849 कोटेशन का इजाफा है जो कि करीब 52 फीसद है।
इस नई सीरीज में फीचर निम्नलिखित हैं...
• डब्ल्यूपीआई की नई सीरीज में, संकलन (कंपाइलेशन) के लिए उपयोग की जाने वाली कीमतों में अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं हैं, ताकि राजकोषीय नीति के प्रभाव को हटाया जा सके। यह अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप है और सरकार का कहना है कि यह डब्ल्यूपीआई को यथार्थ (कन्सेप्चूअली) रुप से 'निर्माता मूल्य सूचकांक' के बेहद करीब ला देगा।
• खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति की दर को अधिकृत (कैप्चर) करने के लिए एक नया "WPI खाद्य सूचकांक" संकलित किया जाएगा।
• फलों एवं सब्जियों की मौसम दर को संशोधित करते हुए कुछ अन्य महीनों के लिए बढ़ाया गया है, क्योंकि ये अब लंबी अवधि के लिए उपलब्ध हैं।
• नए डब्ल्यूपीआई के लिए आइटम लेवल को जियोमैट्रिक मीन (जीएम) का उपयोग करके एग्रीग्रेट किया गया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाया गया है। वर्तमान में अखिल भारतीय सीपीआई के संकलन के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
• सरकार ने डायनमिक रिव्यू (समीक्षा) के लिए एक उच्च स्तरीय तकनीकी समीक्षा समिति की स्थापना भी की है ताकि अर्थव्यवस्था के बदलते ढांचे के साथ तालमेल रखा जा सके।

IIP

• साल 2011-12 के नए बेस इयर के साथ एक उच्च स्तरीय पैनल ने आईआईपी के लिए कार्यप्रणाली को स्थापित किया है।
• उत्पादों की सूची और कारखानों के पैनल के डायनमिक रिवीजन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक तकनीकी समीक्षा समिति की स्थापना की गई है। इस समिति की अध्यक्षता सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव करेंगे। सरकार की ओर से जारी की गई रिलीज के मुताबिक यह समिति साल में कम से कम एक बार बैठक करेगी जिसमें उन नए आइटम्स की पहचान की जाएगी जिन्हें आइटम बास्केट में शामिल किया जाना है। साथ ही जिन आइटम्स को हटाया जाना भी तय किया जाएगा जिन्होंने औद्योगिक क्षेत्र में इसकी प्रासंगिकता खो दी है या अब उत्पादन नहीं किया जा रहा है।
• नई आईआईपी सीरीज में आइटम बास्केट के अंतर्गत (405 आइटम ग्रुप) विनिर्माण क्षेत्र में पाए जाने वाले कुल 809 आइटम शामिल है, जिसमें से 149 नए आइटम को शामिल किया गया है जबकि 124 आइटम को साल 2004-05 की सीरीज से हटाया गया है। इससे पहले वाली सीरीज में मैन्युफैक्टरिंग सेक्टर में 620 आइटम (397 आइटम ग्रुप) शामिल थे।
• यहां नई आईआईपी सीरीज की सेक्टोरल कंपोजीशन का उल्लेख है...

• सरकार की ओर से जारी की गई प्रेस नोट में कहा गया है कि पुरानी और नई सीरीज की विकास दर की सख्ती से तुलना नहीं की गई है।
• बिजली क्षेत्र में अब अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त डेटा शामिल है। खनन क्षेत्र के कवरेज में एमसीडीआर संशोधन नियम, 2016 के कारण बदलाव आया है।


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