Year Ender: साल 2017 की 17 बड़ी बिजनेस खबरें, जो चर्चा में रहीं
साल 2017 के दौरान काफी सारी बड़ी खबरें सुर्खियां बनी जिनमें से अधिकांश आम आदमी से सीधा सरोकार रखने वाली थीं
नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। नोटबंदी की आफत के बीच साल 2017 लोगों के लिए कुछ राहत लेकर आया। 16 जनवरी 2017 को सरकार ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा 10,000 कर लोगों को बड़ी राहत दी। कई सालों की परिपाटी को बदलते हुए पहली बार आम बजट फरवरी महीने में पेश किया गया। इसी तरह पूरे साल बिजनेस से जुड़ी तमाम खबरों ने सुर्खियां बटोरीं। इनमें से कुछ आम आदमी से सरोकार रखने वाली थीं तो कुछ के वैश्विक संदर्भ रहे। हम अपनी इस इयर एन्डर स्टोरी में आपको इन्हीं हलचलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए इस साल की बिजनेस से जुड़ी 17 बड़ी खबरें....
नए साल में बढ़ी एटीएम से निकासी की सीमा: 16 जनवरी 2017 को सरकार ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा 10,000 कर लोगों को बड़ी राहत दी। इससे पहले इस सीमा में कई बार बदलाव किए गए थे, पहले 2 हजार फिर 4500 रुपए।
पहली बार बदला बजट का समय: पहली बार कई सालों की परिपाटी को बदलते हुए आम बजट को 1 फरवरी 2017 को पेश किया गया। इतना ही नहीं इस बार रेल बजट को अलग से नहीं बल्कि आम बजट के साथ पेश किया गया।
पूरे साल चर्चा में रहा बिटकॉइन: अप्रैल 2017 से ही बिटकॉइन चर्चा में रहा। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बिटकॉइन के जरिए करोड़ों की कमाई की, लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद बिटकॉइन में अचानक गिरावट आई और उनकी सारी कमाई स्वाहा हो गई। इस करेंसी को लेकर कोई नियामक तय नहीं है, इसलिए सरकार और आरबीआई लगातार इसको लेकर लोगों को आगाह कर रही है।
बिल्डर्स की मनमानी रोकने को आया रेरा: उपभोक्ताओं के अधिकार की सुरक्षा और पारदर्शिता लाने के वादे के साथ बहुत-प्रतीक्षित रियल एस्टेट अधिनियम रेरा (RERA) 1 मई 2017 से लागू हो गया। रेरा कानून उन बिल्डर की मनमानी से उपभोक्ताओं को राहत दिलाने का काम करता है, जो जानबूझकर अपनी परियोजनाओं में देरी करते रहते हैं।
रोज बदलने लगीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें: 16 जून 2017 से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों की रोजाना समीक्षा शुरू कर दी गई। इससे पहले सरकारी तेल एवं विपणन कंपनियां महीने की 15 और 30 तारीख को पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा किया करती थी।
देश में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था हुई लागू: 1 जुलाई 2017 को देशभर में वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) को लागू कर दिया गया। इसे आजाद भारत का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष कर सुधार कहा गया। जीएसटी के कार्यान्वयन और कर की दरों को लेकर काउंसिल करीब 23 बैठकें कर चुकी है। अब तो सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने की योजना बना रही है।
विशाल सिक्का ने दिया इस्तीफा: जहां एक ओर साल 2016 टीसीएस बोडरुम विवाद के कारण चर्चा में रहा, वहीं साल 2017 के दौरान इंफोसिस विवाद छाया रहा। इंफोसिस के पूर्व संस्थापक नारायण मूर्ति और कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का के बीच जारी विवाद लगातार गरमाता रहा। नतीजा यह रहा कि 18 अगस्त 2017 को इस्तीफा देना पड़ा।
50 और 200 रुपए के नए नोट हुए जारी: नोटबंदी के कुछ दिन बाद ही 2000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए थे। वहीं साल 2017 में भी आरबीआई की ओर से नए नोट जारी करने का सिलसिला जारी रहा। आरबीआई ने इस साल 200 और 50 रुपए के नए नोट जारी किए गए।
दूसरी तिमाही में सुधरी जीडीपी: चालू वित्त वर्ष की जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ सुधरकर 6.3 फीसद हो गई। यह सुधार बीती पांच तिमाहियों की गिरावट के बाद देखने को मिला। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसद रही थी।
मूडीज ने 13 साल बाद बदली भारत की रेटिंग: इंटरनेशनल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी सर्विस मूडीज ने भारत में आर्थिक सुधारों पर मुहर लगाते हुए 13 साल बाद भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ाई है। मूडीज ने इसका आउटलुक भी पॉजिटिव से स्थिर कर दिया। मूडीज ने भारत सरकार के बॉन्ड की रेटिंग BAA3 से बढ़ाकर BAA2 कर दी है।
आधार की डेडलाइन फिर बढ़ी: इस साल आधार लिंकिंग की डेडलाइन में कई बार बदलाव किए गए। पहले आधार लिंकिंग की डेडलाइन 31 दिसंबर 2017 और 6 फरवरी 2018 (मोबाइल नंबर के लिए) निर्धारित थी। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दिया गया है।
एयरटेल और पेटीएम पेमेंट बैंक: इस साल देश की प्रमुख टेलिकॉम कंपनी एयरटेल और प्रमुख मोबाइल वॉलेट पेटीएम ने अपने पेमेंट बैंक को लॉन्च किया। एयरटेल ने अपना पहला पेमेंट बैंक राजस्थान में शुरू किया। आपको बता दें कि पेमेंट बैंक सामान्य बैंकों की तुलना में थोड़ा अलग होते हैं। ये न तो 1 लाख से ऊपर की राशि जमा कर सकते हैं और न ही किसी को लोन दे सकते हैं।
भारत ईटीएफ हुआ लॉन्च: नवंबर 2017 में भारत-22 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) को लॉन्च किया गया। इसके जरिए सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। आपको बता दें कि भारत-22 ईटीएफ में सीपीएसई, पीएसयू बैंक और एसयूयूटीआई की कंपनियां शामिल हैं। अगर सीपीईसी की बात करें तो इसमें कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, आईओसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पीएफसी, कोल इंडिया, ओएनजीसी, गेल, एनर्जी इंडिया लिमिटेड, रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं। वहीं भारत-22 ईटीएफ में 6 सेक्टर भी शामिल हैं। ये आधारभूत सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफएमसीजी, औद्योगिक और उपभोक्ता सेवा से जुड़ी कंपनियां हैं। भारत-22 ईटीएफ में सेक्टोरल शेयर लिमिट 20 फीसदी तय की गई है, जबकि ईटीएफ में कंपनी विनिवेश पर लिमिट 15 फीसदी तय की गई है। इसमें तीन बैंक एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक शामिल हैं।
बड़ी नियुक्तियां भी रहीं चर्चा में: इस साल कुछ बड़ी नियुक्तियां भी चर्चा में रहीं। 1 मार्च 2017 को यूके सिन्हा का कार्यकाल खत्म होने के बाद वरिष्ठ सीनियर आईएस ऑफिसर अजय त्यागी सेबी के नए प्रमुख बने। वहीं एनएसई के सीईओ व एमडी पद से चित्रा रामाकृष्ण के इस्तीफा देने के बाद विक्रम लिमये नए एनएसई प्रमुख बने।
ओपेक ने किया उत्पादन में कटौती जारी रखने का फैसला: रूस के नेतृत्व में ओपेक और गैर-ओपेक उत्पादक देशों ने नवंबर 2017 को एक अहम फैसला लिया। इस फैसले के अंतर्गत इन्होंने साल 2018 के अंत तक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है। ओपेक देशों के बीच पहले यह सहमति बनी थी कि वो सभी मार्च 2018 तक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे, लेकिन हालिया बैठक में यह तय हुआ है कि अब दिसंबर 2018 तक तेल उत्पादन में यह कटौती जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2017 में आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया। यह परिषद अर्थव्यवस्था के बड़े मुद्दों पर काम करेगी। नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय को परिषद का चेयरमैन बनाया गया है। उनके साथ इस परिषद में सुरजीत भल्ला, अशिमा गोयल और और रथिन रॉय को पार्ट टाइम मेंबर बनाया गया है। वहीं रतन वाटल इसके मेंबर सेक्रेटरी होंगे। बिबेक देबरॉय ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण ग्रोथ पर ब्रेक लगा था। देबोराय ने कहा कि मंदी नहीं आई है और अब जल्द ही ग्रोथ पटरी पर आएगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इंडियन इकोनॉमी जल्द ही 7 फीसद की ग्रोथ रेट हासिल कर लेगी।
शेयर बाजार ने इस साल 30 फीसद का रिटर्न दिया: शेयर बाजार के लिहाज से साल 2017 काफी मिला-जुला रहा। साल 2017 में निफ्टी ने करीब 29.10 फीसद का औसत रिटर्न दिया है। यानी अगर आपने इंडेक्स निफ्टी में 1 जवनरी 2017 को निवेश किया होता तो दिसंबर 2017 में आपके पास करीब 1,29,00 रूपए होते। वहीं सेंसेक्स का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा है। सेंसेक्स ने भी इस साल करीब 28.30 फीसद तक का रिटर्न दिया है। ऐसे में अगर आपने सेंसेक्स में 1 लाख रूपए का निवेश किया होता तो दिसंबर में आपके पास 1 लाख 28,300 रूपए होते।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल: दिसंबर 2017 को केंद्रीय कैबिनेट ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दे दी। कई सख्त प्रावधानों वाले उपभोक्ता संरक्षण विधेयक से ई-कारोबारियों पर अंकुश लगेगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि इस ऐतिहासिक साबित होने वाले इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधेयक चालू शीतकालीन सत्र में ही पेश कर पारित करा लिया जाएगा।