इन जगहों पर किया निवेश तो टैक्स के साथ मिलेंगे कई फायदे, जानिए
बाजार में ऐसे तमाम निवेश विकल्प उपलब्ध हैं जो आपको टैक्स बचाने के साथ ही आपको बेहतर ब्याज भी दिलाते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। निवेश का फैसला करना आसान नहीं होता है। तमाम रणनीतियों को बनाने और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही लोग आम तौर पर निवेश का फैसला कर पाते हैं। निवेश के फैसले से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी होता है कि जिस विकल्प का आपने चुनाव किया है वो कितना बेहतर है, उसमें आपको कितना रिटर्न मिलेगा और टैक्स के लिहाज से वो कितना फायदेमंद है। हम अपनी इस खबर में आपको कुछ ऐसे ही विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहतर रिटर्न के साथ ही टैक्स बेनिफिट भी देते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund): एम्प्लॉई प्रोविडंट फंड का मतलब नौकरी पेशा लोगों से होता है। ईपीएफ सार्वजनिक क्षेत्र के साथ साथ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत योजना है। रिटायरमेंट बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत इस निधि की निगरानी करता है।
ब्याज दर: ईपीएफ जमा पर मिलने वाली ब्याज दर की घोषणा ईपीएफओ की ओर से हर साल की जाती है। हर वित्त वर्ष में पीएफ पर कितना ब्याज मिलेगा इसका निर्धारण सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) की बैठक में किया जाता है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज दरों का फैसला किया जाना अभी बाकी है। साल 2016-17 में ईपीएफ जमा पर 8.65 फीसद की दर से ब्याज दिए जाने का फैसला किया गया था।
टैक्स बेनिफिट्स: ईपीएफ जमा पर काफी सारे टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं। ईपीएफ पर जमा राशि आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत आती है। हालांकि इसमें अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपए की है। हालांकि ईपीएफ सेविंग पर जो ब्याज हर साल मिलता है और अंतिम मैच्योरिटी राशि पूरी तरह से टैक्स छूट के दायरे में आती है।
पब्लिक प्रोविडंट फंड (Public Provident Fund): पब्लिक प्रोविडंट फंड कोई भी खुलवा सकता है। यह सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दरों के साथ बेहतर एवं टैक्स फ्री रिटर्न की सुविधा देता है। पीपीएफ खाते में सालाना आपको 500 रुपए (न्यूनतम) जमा कराने ही होते हैं। वहीं इसकी अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपए है।
ब्याज दर: पिछले साल अप्रैल महीने से ही पीपीएफ और अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर की हर तिमाही समीक्षा की जा रही है। मौजूदा समय में निवेशक पीपीएफ जमा पर 7.8 फीसद की दर से ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।
टैक्स बेनिफिट्स: पीपीएफ एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट और एग्जेंप्ट श्रेणी में आता है। इस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी टैक्स फ्री होती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट्स (Fixed deposits FD): फिक्स्ड डिपॉजिट्स भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। यह देश में उपलब्ध सबसे लोकप्रिय बचत विकल्पों में से एक है। एफडी की लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी को देखते हुए आज भी लोग इसमें निवेश करना पसंद करते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट्स को टर्म डिपॉजिट के रुप में भी जाना जाता है। इसमें आपको एक निश्चित ब्याज अंत तक मिलता रहता है।
ब्याज दर: हालांकि एफडी पर मिलने वाला ब्याज अलग अलग बैंकों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। उदाहरण के तौर पर एक करोड़ से कम राशि की एक साल की एफडी पर सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई 6.50 फीसद का ब्याज देता है। हालांकि यह एक सामान्य एफडी होती है जो आपको टैक्स बेनिफिट्स नहीं देता है।
टैक्स बेनिफिट्स: बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर मिलने वाली ब्याज आय पूरी तरह से टैक्सेबल होती है, जैसा कि सेविंग बैंक अकाउंट में होता है। सेविंग बैंक अकाउंट में सिर्फ 10,000 रुपए तक की ब्याज आय ही टैक्स फ्री होती है। हालांकि कुछ बैंक टैक्स फ्री एफडी की सुविधा भी देते हैं। इस तरह की एफडी में किया गया निवेश आयकर की धारा 80 सी के तहत छूट के दायरे में आता है।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Savings Certificates): अगर आप सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर रिटर्न भी चाहते हैं तो आपको इसका चयन करना चाहिए। इस योजना को सरकारी कर्मचारी, बिजनेसमैन और कर अदा करने वाले अन्य वेतन भोगियों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए जारी किया गया है। इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं होती है। राष्ट्रीय बचत पत्र दो तरह के होते हैं पहल है, टाइप-1 (VIII इश्यू) और दूसरा, टाइप-2 (IX इश्यू)। इस पर टीडीएस नहीं कटता है। ट्रस्ट और एचयूएफ इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं। इसमें जमा पर 7.8 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।
ब्याज दर: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर वर्तमान समय में 7.8 फीसद की ब्याज दर मुहैया कराई जा रही है।
टैक्स बेनिफिट्स: इसमें जमा पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है।