Move to Jagran APP

इस साल बदल जाएंगे Mutual Funds में निवेश से जुड़े ये 5 नियम, आपके लिए जानना है जरूरी

Mutual Funds बाजार नियामक सेबी नए साल में म्युचुअल फंड के नियमों में बदलाव करने जा रहा हैं। म्युचुअल फंड्स को निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में बदलाव हो रहे हैं। इनमें से कुछ बदलाव एक जनवरी से और कुछ उसके बाद लागू होंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 01:27 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:50 AM (IST)
इस साल बदल जाएंगे Mutual Funds में निवेश से जुड़े ये 5 नियम, आपके लिए जानना है जरूरी
म्युचुअल फंड में निवेश से जुड़े नियम बदलेंगे PC: Pixabay

नई दिल्ली बिजनेस डेस्क। बाजार नियामक सेबी नए साल में म्युचुअल फंड के नियमों में बदलाव करने जा रहा हैं। म्युचुअल फंड्स को निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नियमों में बदलाव हो रहे हैं। इनमें से कुछ बदलाव एक जनवरी से और कुछ उसके बाद लागू होंगे। अगर आप साल 2021 में म्युचुअल फंड्स में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको नियमों में होने वाले इन बदलावों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये बदलाव कौन-कौनसे हैं।

loksabha election banner

नया रिस्कोमीटर टूल

बाजार नियामक सेबी निवेशकों को निवेश के पहले रिस्क का अंदाजा लगाने के लिए एक रिस्कोमीटर टूल की सुविधा देता है। अब इस टूल में 1 जनवरी 2021 से 'बहुत अधिक जोखिम' की कैटेगरी भी जोड़ दी जाएगी, जिससे निवेशक उत्पाद के बारे में सटीक अंदाजा लगा सकें। यह सुविधा 1 जनवरी से लागू हो जाएगी। हर महीने इसका मूल्यांकन भी किया जाएगा। एक जनवरी से सभी योजनाओं पर अलग से जोखिम की श्रेणी दर्शायी जाएगी और फंड हाउस को योजना के रिस्क प्रोफाइल में बदलाव होने पर निवेशकों को सूचित करना होगा।

मल्टी-कैप इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं के लिए पोर्टफोलियो आवंटन 

सितंबर महीने में सेबी ने मल्टी-कैप इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं के लिए पोर्टफोलियो आवंटन में कुछ बदलाव किये थे। अब बदले हुए नियमों के अनुसार, किसी मल्टी-कैप म्युचुअल फंड स्कीम को 65 फीसद के स्थान पर कम से कम 75 फीसद इक्विटी में निवेश करना होगा। मल्टी कैप इक्विटी म्युचुअल फंड्स स्कीम्स में कम से कम 25-25 फीसद हिस्सा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश करना होगा। वर्तमान में मल्टी-कैप फंड कैटेगरी में कोई आवंटन से जुड़ा प्रतिबंध नहीं है। 

NAV गणना में बदलाव

एक जनवरी 2021 से म्युचुअल फंड निवेशकों को नेट एसेट वैल्यू यानी परचेज NAV एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास पैसे पहुंच जाने के बाद मिलेगा, चाहे निवेश का आकार कितना भी बड़ा क्यों न हो। यह लिक्विड और ओवरनाइट म्युचुअल फंड स्कीम्स पर लागू नहीं होगा। अभी तक दिन का 2 लाख तक परचेज NAV, AMC के पास पैसे पहुंचने से पहले मिल जाता था।

सिक्युरिटीज का इंटर-स्कीम ट्रांसफर

एक जनवरी, 2021 से क्लोज इंडेड फंड्स का इंटर-स्कीम ट्रांसफर निवेशकों को स्कीम की यूनिट एलॉट होने के केवल तीन कारोबारी दिनों के अंदर करना होगा। तीन कारोबारी दिन के बाद ऐसे ट्रांसफर की अनुमति नहीं होगी।

बदलेगा डिविडेंड ऑप्शन का नाम

एक अप्रैल, 2021 से म्युचुअल फंड्स स्कीम्स के सभी डिविडेंड ऑप्शंस का नाम बदलकर इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विड्रॉअल ऑप्शन (income distribution cum capital withdrawal) हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.