नए यूलिप के जरिये करें बचत
यूलिप बाजारों से जुड़े होते हैं और ग्राहक की जोखिम क्षमता के अनुसार इक्विटी या डेट फंड यूनिटों में निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं। लिहाजा इनमें निवेश का जोखिम पॉलिसी धारक को उठाना पड़ता है। इस लिहाज से नए यूलिप बहुत कुछ म्यूचुअल फंडों की तरह काम करते हैं।
यूलिप बाजारों से जुड़े होते हैं और ग्राहक की जोखिम क्षमता के अनुसार इक्विटी या डेट फंड यूनिटों में निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं। लिहाजा इनमें निवेश का जोखिम पॉलिसी धारक को उठाना पड़ता है। इस लिहाज से नए यूलिप बहुत कुछ म्यूचुअल फंडों की तरह काम करते हैं।
उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत का नाम सर्वाधिक बचत करने वाले देशों में शामिल है। सकल घरेलू बचत में सार्वजनिक व निजी कंपनियों के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर की जाने वाली बचत आती है। इसमें व्यक्तिगत बचत का हिस्सा सर्वाधिक है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि कर रियायतों के जरिये सरकार बचत बढ़ाने के प्रयास करे। टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, लेकिन इनमें जीवन बीमा सबसे प्रभावी उपकरण है।
जीवन बीमा उत्पादों में निवेश कर आप प्रीमियम पर आयकर अधिनियम 1956 की धारा 80-सी के तहत डिडक्शन (अधिकतम डेढ़ लाख रुपये सालाना) का लाभ उठा सकते हैं। यदि साल में अदा प्रीमियम की राशि बीमित राशि के 10 फीसद से अधिक न हो तो पॉलिसी की मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर भी टैक्स नहीं देना पड़ता।
सभी बीमा योजनाओं में नए जमाने का यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) लक्ष्य आधारित वित्तीय समाधानों की ऐसी श्रेणी है, जिसमें सुरक्षा के साथ निवेश पर कर छूट का लाभ भी मिलता है। यूलिप बाजारों से जुड़े होते हैं और ग्राहक की जोखिम क्षमता के अनुसार इक्विटी या डेट फंड यूनिटों में निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं। लिहाजा इनमें निवेश का जोखिम पॉलिसी धारक को उठाना पड़ता है।
इस लिहाज से नए यूलिप बहुत कुछ म्यूचुअल फंडों की तरह काम करते हैं। मगर फर्क यह है कि इनमें जीवन बीमा सुरक्षा के साथ-साथ टैक्स बचाने के बेहतर प्रावधान होते हैं। इनमें म्यूचुअल फंड के मुकाबले शुल्क भी कम देना पड़ता है।
सीमित शुल्क, बेहतर रिटर्नः
पहले के यूलिप में ऊंचे शुल्कों के अलावा अल्पकालिक बिक्री लक्ष्यों की समस्या थी। इनमें ग्राहकों की सक्रिय भागीदारी भी नहीं होती थी। मगर 2010 में इरडा की ओर से यूलिप के लिए जारी दिशानिर्देशों से इन समस्याओं का काफी हद तक अंत हो गया।
अब यूलिप पर शुल्क कम व रिटर्न ज्यादा है। इनकी बिक्री निवेश व बचत के दीर्घकालिक लक्ष्यों को देखते हुए की जाती है। अब तो ऑनलाइन यूलिप भी आ गए हैं, जिनमें केवल मृत्यु व फंड प्रबंधन के लिए शुल्क लिया जाता है। इससे अब यूलिप म्यूचुअल फंड के मुकाबले ज्यादा किफायती हो गए हैं।
कम शुल्क, ज्यादा बचतः
यूलिप में समग्र कर लाभ प्राप्त होते हैं। एक लाख सालाना तक के प्रीमियम पर आयकर की धारा 80-सी के तहत कर लाभ मिलता है। प्रीमियम के दस गुना या उससे अधिक मेच्योरिटी कवर वाली पॉलिसियों पर धारा 10 (10डी) के तहत अलग से टैक्स की छूट है। विभिन्न प्रकार के फंडों पर मिलने वाला रिटर्न व समय-समय पर आंशिक निकासी भी कर मुक्त है। इनमें डेट फंड शामिल हैं। लाभों व कम शुल्कों के कारण नए यूलिप ग्राहकों के लिए फायदेमंद हैं।
करें सभी पहलुओं पर गौरः
टैक्स प्लानिंग केवल कुछ बातों को देखकर नहीं की जानी चाहिए बल्कि सभी पहलुओं पर गौर किया चाहिए, ताकि निवेश की व्यापक जरूरतों को देखते हुए नियमित तौर पर अधिकतम फायदा उठाया जा सके। हमें वित्तीय नियोजन की आदत करियर के शुरुआती दिनों से ही डालनी चाहिए। बेहतर होगा यह काम हर वित्त वर्ष के शुरू में कर लिया जाए क्योंकि यही वक्त होता है, जब हम टैक्स बचाने को अपने पास उपलब्ध अतिरिक्त पैसों के दीर्घकालिक निवेश के बारे में विचार करते हैं।
संजय त्रिपाठी
सीनियर ईवीपी-मार्केटिंग, प्रोडक्ट्स, डिजिटल एंड ई-कॉमर्स, एचडीएफसी लाइफ