बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट कराने के फायदे और नुकसान, बस एक क्लिक में जानिए
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। इसमें निवेशक को तय अंतराल पर निश्चित रिटर्न मिलता है साथ ही बाजार के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ता
नई दिल्ली। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। इसमें निवेशक को तय अंतराल पर निश्चित रिटर्न मिलता है साथ ही बाजार के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। अधिकांश फाइनेंशियल एडवाइजर अपनी कुल बचत का एक हिस्साै एफडी में निवेश करने की सलाह देते हैं। लेकिन एक्सपर्ट की माने तो इन सब बातों के बावजूद भी फिक्स्ड डिपॉजिट के कुछ नुकसान हैं।
जानिए फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने के फायदे और नुकसान
एफडी करवाने के फायदे
किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफडी कराने की सबसे पहला फायदा यह होता है कि यह निवेश पूरी तरह से जोखिम रहित होता है। साथ ही यह निवेश किसी भी तरह से लिंक नहीं होती। एफडी की समय अवधि समाप्त होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती है। ब्याज दर वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ अधिक होती है। साथ ही बैंक भी समय-समय पर समीक्षा कर बाजार के अनुरूप फिक्स्ड डिपॉजिट की दर को तय करते हैं। तमाम बैंकों की ओर से दी जाने वाली दर में मामूली सा अंतर होता है। आपको बता दें कि कई मामलों में बैंक अधिक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ऊंची दर का ऑफर देते हैं।
एफडी करवाने के नुकसान
बैंक एफडी पर मिलने वाला ब्याज महंगाई दर के बराबर ही होता है और कई बार इस दर से कम भी रह जाता है। वर्ष 2012-2014 के दौरान भारत की औसत महंगाई दर 9.76 फीसदी रही है। एक्सपर्ट इंवेस्टमेंट ऑप्शन पर रिटर्न को जोड़ते समय उपभोक्ता महंगाई की औसत दर 8 फीसदी के बराबर मानते हैं। ऐसे में बैंक एफडी पर यदि निवेशक को 8 से 8.5 फीसदी का ब्याज मिलता है तो निवेशक मुश्किल से ही महंगाई दर को पछाड़ पाने में सफल हो पाएगा। इस तरह निवेशक को इंवेस्टमेंट पर मिलने वाला रिटर्न शून्य हो जाता है।
आपको बता दें कि बैंक एफडी पर मिलने वाला रिटर्न कर योग्य होता है। आमतौर पर लंबी अवधि के लिए किया जाने वाला निवेश टैक्स फ्री होता है। लेकिन बैंक एफडी पर मिलने वाला ब्याज मौजूदा स्लैब में ही करयोग्य होता है। इस तरह मिलने वाला शुद्ध रिटर्न और घट जाता है। ऐसे में महंगाई की दर से कम रिटर्न और मिलने वाले रिटर्न का भी करयोग्य होने के कारण शुद्ध कमाई का घट जाना बैंक एफडी जैसे निवेश को बेहतर नहीं बनाते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक कम उम्र में निवेश शुरू करने से लंबी अवधि के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प है। इसके अलावा यदि उम्र या किसी अन्य कारण निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता नहीं है तो एफडी जैसे विकल्पों का चयन नहीं करना चाहिए।