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PPF और NPS कौन है बेहतर, किसमें पैसा लगाना होगा फायदेमंद, जानिए

PPF or NPS पीपीएफ खाता 15 वर्ष की अवधि के बाद परिपक्व (म्योच्योर) हो जाता है। हालांकि 15 वर्ष के बाद इसकी अवधि बिना किसी योगदान के पांच वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है। हालांकि एनपीएस के मामले में परिपक्वता (म्योच्योरिटी) की अवधि निश्चित नहीं होती है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 08 Feb 2022 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 09 Feb 2022 02:01 PM (IST)
PPF और NPS कौन है बेहतर, किसमें पैसा लगाना होगा फायदेमंद, जानिए
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिटायर होने के बाद आमदनी काफी सीमित रह जाती है। बदलती जीवनशैली में रिटायरमेंट के बाद भी हमें हर महीने अच्छी-खासी रकम की जरूरत होती है। ऐसे में एक बड़े रिटायरमेंट फंड की जरूरत होती है। विशेषज्ञों कहते हैं कि व्यक्ति को अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में ही रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू कर देनी चाहिए। हमें इससे रिटायरमेंट के समय तक एक बड़ी राशि जुटाने में मदद मिलती है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) निवेश के दो बेहतरीन विकल्प हैं। पीपीएफ के अंतर्गत कोई भी खाता खुलवा सकता है। वहीं दूसरी तरफ नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) भी एक बेहतरीन रिटायरमेंट सेविंग प्रोडक्ट माना जाता है। आपके लिए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में से कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा। जानिए...

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टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, एनपीएस और पीपीएफ में से चुनना हो तो दोनों ही बेहतर है। यह अब व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसकी जरूरत किस तरह की है। एनपीएस विकल्प के जरिए इक्विटी में निवेश किया जाता है जो कि पीपीएफ की तुलना में ज्यादा रिटर्न देता है। एनपीएस के अंतर्गत दो तरह के खाते होते हैं, टियर-1 और टियर-2। अगर कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़ दें तो टियर-1 खाते के अंतर्गत जमा राशि को 60 वर्ष की उम्र से पहले नहीं निकाला जा सकता है, जबकि टियर-2 खाता एक वॉलिंटरी सेविंग अकाउंट होता है। टियर-2 के खाताधारक जब भी चाहें इसमें जमा पैसे को निकाल सकते हैं। धारा 80 सी के तहत एनपीएस में निवेश 1.5 लाख रुपयों तक कर-कटौती योग्य है और 80सीसीडी (1 बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये भी कटौती योग्य है।

कौन कर सकता है निवेश

पीपीएफ खाता कोई भी भारतीय नागरिक खोल सकता है। कोई भी अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर भी पीपीएफ खाता खोलकर टैक्स लाभ ले सकता है। हालांकि एनपीएस खाता 18 वर्ष की आयु से ऊपर और 60 वर्ष की आयु से कम के भारतीय नागरिक ही खोल सकते हैं। हालांकि अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी एनपीएस खाता खोल सकते हैं लेकिन उनकी ओर से पीपीएफ खाता खोलने की मनाही है।

कितना कर सकते हैं निवेश

पीपीएफ खातों में प्रति वर्ष अधिकतम 12 योगदान की अनुमति है। कोई भी व्यक्ति पीपीएफ खाते में 500 रुपए (न्यूनतम) का सालाना निवेश कर सकता है। जबकि इसकी अधिकतम राशि 1,50,000 रुपए तक जा सकती है। नेशनल पेंशन सिस्टम में सरकारी कर्मचारी और सामान्य नागरिक दोनों निवेश कर सकते हैं। यहां 18 से 60 साल तक की उम्र के लोग निवेश कर सकते हैं। देश के करीब सभी सरकारी और निजी बैंकों में जाकर इस योजना के तहत खाता खुलवाया जा सकता है।

परिपक्वता (Maturity)

पीपीएफ खाता 15 वर्ष की अवधि के बाद परिपक्व (म्योच्योर) हो जाता है। हालांकि 15 वर्ष के बाद इसकी अवधि बिना किसी योगदान के पांच वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है। हालांकि एनपीएस के मामले में परिपक्वता (म्योच्योरिटी) की अवधि निश्चित नहीं होती है। इस खाते के अंतर्गत आप 60 वर्ष की आयु तक योगदान दे सकते हैं।


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