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पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम: सीनियर सिटीजन बनाम पीपीएफ अकाउंट, जानें कौन बेहतर

जो लोग 60 वर्ष के आस पास या इससे ऊपर की उम्र के हैं वो सीनियर सिटीजन अकाउंट खुलवा सकते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:19 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 12:35 PM (IST)
पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम: सीनियर सिटीजन बनाम पीपीएफ अकाउंट, जानें कौन बेहतर
पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम: सीनियर सिटीजन बनाम पीपीएफ अकाउंट, जानें कौन बेहतर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पोस्ट ऑफिस में करीब 9 तरह की बचत योजनाएं चलती हैं। इनमें सेविंग अकाउंटस, रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट, टाइम डिपॉजिट अकाउंट, मंथली इनकम स्कीम अकाउंट, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम अकाउंट, पब्लिक प्रोविडंट फंड या पीपीएफ अकाउंट, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि अकाउंट शामिल है। इसका उल्लेख इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी है।

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जो लोग 60 वर्ष के आस पास या इससे ऊपर की उम्र के हैं वो सीनियर सिटीजन अकाउंट खुलवा सकते हैं। वहीं पोस्ट ऑफिस पर चलने वाले सुकन्या समृद्धि अकाउंट को बच्ची के अभिभावक खुलवा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की अधिकांश योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज भी काफी बेहतर होता है। आज हम अपनी इस खबर के माध्यम से सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट और पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट के बीच तुलना करके बताएंगे कि कौन ज्यादा बेहतर है।

पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट: पोस्ट ऑफिस के सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट को 60 वर्ष या इससे ऊपर का कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है। साथ ही वो व्यक्ति जो कि 55 वर्ष या 60 वर्ष से कम का है लेकिन वो स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) ले चुका है वो भी कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद अपना खाता खुलवा सकता है। साथ ही सिविल डिफेंस कर्मचारियों को छोड़कर सेवानिवृत्त रक्षा कर्मी भी उम्र और अन्य शर्तों के आधार पर इसमें निवेश कर सकते हैं। वहीं अप्रवासी भारतीय (NRIs), हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs) इस स्कीम में निवेश के हकदार नहीं होते हैं।

कैसे कर सकते हैं निवेश: 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग अपने पास के किसी वाणिज्यिक बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में जाकर अपना इंडिविजुअल या फिर ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

कितनी रकम का कर सकते है निवेश: कोई भी वृद्ध या तो अकेले या फिर संयुक्त रूप से सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में अपना खाता 15 लाख रुपए (अधिकतम) तक देकर खुलवा सकता है। यह राशि न्यूनतम 1000 हजार रुपए है। यह रकम उस राशि से ज्यादा नहीं हो सकती है जो कि वृद्ध व्यक्ति को रिटायरमेंट के दौरान मिलेगी। आयकर विभाग की वेबसाइट में दर्ज नियमों के मुताबिक सीनियर सिटिजन स्कीम में खाता या तो 1 लाख रुपए से कम नकद देकर या फिर चेक के माध्यम से 1 लाख या इससे ज्यादा देकर खुलवाया जा सकता है।

कितने खाते खुलवाए जा सकते हैं: इस स्कीम के तहत खाता खुलवाने की कोई सीमा तय नहीं है। कोई भी कितने भी खातें खुलवा सकता है, लेकिन इसमें यह शर्त लागू होती है कि सभी खातों में जमा कुल राशि निवेश की अधिकतम सीमा को पार नहीं करनी चाहिए।

जरूरी होते हैं ये दस्तावेज:

  • पूरी तरह से भरा गया एक फॉर्म जो कि पोस्ट ऑफिस या फिर बैंक में उपलब्ध होता है।
  • केवाईसी फॉर्म
  • आवेदनकर्ता की फोटो
  • आवेदनकर्ता का पैन नंबर
  • आवास प्रमाणपत्र की कॉपी
  • आयु प्रमाणपत्र
  • रिटायरमेंट की सूरत में नियोक्ता की ओर से इस संदर्भ में जारी किया गया प्रमाणपत्र

निवेश का सबूत: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में एक बार खाता खुल जाने के बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस की ओर से एक पासबुक दी जाती है, जिसमें खाता खुलने की तारीख, अकाउंट नंबर, जमाकर्ता का नाम, उसकी फोटो ग्राफ, पता और जमा की गई रकम दर्ज होती है। साथ ही इसमें तिमाही आधार पर मिलने वाला ब्याज भी दर्ज होता है।

कितना मिलता है ब्याज: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में सालाना आधार पर 8.3 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। वित्त मंत्रालय की ओर से हर तिमाही में इसकी समीक्षा भी की जाती है। हालांकि इसमें एफडी पर मिलने वाले चक्रवृद्धि ब्याज की तरह विकल्प नहीं मिलता है।

कितनी अवधि के लिए होता है निवेश: इस बचत योजना की अधिकतम अवधि 5 साल है। हालांकि, परिपक्वता के बाद, कार्यकाल को एक बार 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस खाते से समय से पहले निकासी की अनुमति है। लेकिन ऐसा एक वर्ष की अवधि के बाद ही किया जा सकता है।

टैक्स में बचत: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) खाते में निवेश से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 C के प्रावधानों के अनुसार Tax की बचत होती है। हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 80 C के अंतर्गत इस स्कीम के अंतर्गत कर छूट लाभ प्राप्त करने की अधिकतम सीमा 1.5 लाख प्रति साल है।

पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड: पोस्ट ऑफिस में 15 वर्षीय पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाता खाता मात्र 100 रुपये में खुलवाया जा सकता है। खाताधारकों को इस खाते में पूरे वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये एवं अधिकतम 1.50 लाख जमा करवाने होते हैं। इस खाते का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का है। इसमें आप ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं। इसमें भी नॉमिनेशन की सुविधा मिलती है। इसमें एक वित्त वर्ष में अधिकतम एक लाख रुपए तक के निवेश पर कर छूट का लाभ मिलता है।

कैसे कर सकते हैं निवेश?

एक वित्त वर्ष के दौरान इसमें किया जाने वाला निवेश या तो एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में किया जा सकता है। इस खाते की मैच्योरिटी अवधि 15 साल के लिए होती है लेकिन इसे 5 अतिरिक्त वर्षों के लिए बढ़वाया भी जा सकता है।

कितना मिलता है ब्याज: इस खाते में जमा राशि पर 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।


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