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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बचा सकते हैं टैक्स, जानिए कैसे

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी आप टैक्स की बचत कर सकते हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jan 2018 06:02 PM (IST)
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बचा सकते हैं टैक्स, जानिए कैसे
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बचा सकते हैं टैक्स, जानिए कैसे

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अधिकांश फाइनेंशियल प्लानर्स सुझाव देते हैं कि किसी भी फाइनेंशियल प्लान में सबसे पहला स्टेप पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस का होना होता है। किसी व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी मिलते ही सबसे पहले हेल्थ कवर ले लेना चाहिए। यह न सिर्फ अपने लिए बल्कि खुद के परिवार के लिए भी जरूरी है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस के लिये दिए जाने वाले प्रीमियम पर टैक्स लाभ भी मिलता है। यह आपकी करयोग्य आय कम कर टैक्स देनदारी को घटा देता है।

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जानिए इससे जुड़ी पांच अहम जानकारियां-

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम: सेक्शन 80डी के अंतर्गत मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान की गई प्रीमियम राशि कटौती के योग्य होती है। इस सेक्शन के तहत क्लेम की जाने वाली अधिकतम राशि 60,000 रुपये तक हो सकती है। लेकिन इसमें कई उप सीमाएं भी शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति प्रीमियम राशि पर 25000 रुपये की अधिकतम कटौती क्लेम कर सकता है जो उसने खुद के लिए, पत्नी या आश्रित बच्चों के लिए दी हो। साथ ही 25000 रुपये की अतिरिक्त कटौती भी वैध होती है अगर प्रीमियम माता-पिता के लिए भुगतान किया गया हो। अगर पॉलिसीधारक वरिष्ठ नागरिक है तो इस कटौती की लिमिट 30,000 रुपये होती है।

कितनी हुई टैक्स बचत: अगर आप स्वयं या परिवार के लिए हैल्थ कवर ले रहे हैं और 25,000 रुपए के सालाना प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो इस पर टैक्स की बचत 10 फीसद, 20 फीसद या फिर 30 फीसद हो सकती है। वैल्यू के टर्म में यह क्रमश: 2,575 रुपए, 5,150 रुपए और 7,725 रुपए की टैक्स बचत होगी। यह आयकर की धारा 80सी के अंतर्गत होने वाली टैक्स सेविंग के बाद की बची रकम पर टैक्स कटौती के क्लेम किए जाने योग्य होती है।

हेल्थ चेक अप्स: उम्र के आधार पर 25000 या 30000 रुपये की अधिकतम सीमा के अंदर, प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप के तौर पर 5000 रुपये का बेनिफिट मिलता है। मसलन, अगर आप मेडिक्लेम के तहत 20,000 रुपये का प्रीमियम अदा करते हैं और 5000 रुपये तक का हेल्थ चेक अप कराते हैं तो इस स्थिति में आप सेक्शन 80डी के अंतर्गत पूरे 25000 रुपये का फायदा उठा सकते हैं। कई बड़े अस्पताल प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप पैकेज की सुविधा भी देते हैं।

सभी हेल्थ इंश्योरेंस पर उपलब्ध होता है टैक्स बेनिफिट: इनडेमिनिटी और डिफाइंड बेनिफिट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान टैक्स बेनिफिट के योग्य़ हैं। इस टैक्स लाभ के अंतर्गत न केवल इनडेमिनिटी प्लान जैसे कि इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान जिसे मेडिक्लेम और फैमली फ्लोटर प्लान कहा जाता है, आते हैं बल्कि किसी भी स्डैंअलोन हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी या सामान्य बीमा कंपनी के डिफाइंड बेनिफिट प्लान जैसे रोजाना अस्पताल कैश प्लान और क्रिटिकल इलनेस प्लान भी शामिल हैं।

जीवन बीमा कंपनियों के राइडर: सेक्शन 80डी के अंतर्गत हेल्थ पॉलिसी पर भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम राशि पर टैक्स बैनिफिट मिलता है। इसमें इस तरह की कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है कि हैल्थ प्लान केवल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों से खरीदना पड़ेगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि जीवन बीमा पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस या मेडिकल इंश्योरेंस राइडर के लिए भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम भी इस सेक्शन के अंर्तगत टैक्स बेनिफिट के लिए योग्य है।

कैश पेमेंट: कोई भी व्यक्ति प्रीमियम का भुगतान नकद में कर सकता है, लेकिन टैक्स बेनिफिट का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब इसका कैश में भुगतान न किया जाए। इसका भुगतान इंटरनेट बैंकिंग, चेक, ड्राफ्ट या प्रीमियम पर फायदा उठाने के लिए क्रेडिट कार्ड से भी किया जा सकता है। हालांकि, प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप के लिए कैश पेमेंट सेक्शन 80डी के तहत कटौती योग्य है।


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