त्यौहार पर सोने के गहने न खरीदें, इन विकल्पों में करें निवेश
अगर आप त्यौहारी सीजन में निवेश के लिहाज से सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको मालूम होना चाहिए कि सोने में निवेश के लिए इसके अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में आम उपभोक्ता सोने में निवेश के जिस पारंपरिक तरीके से सबसे ज्यादा वाकिफ है वह है सोने के गहने खरीदना। लेकिन इसके इतर भी सोने में निवेश के तमाम ऐसे तरीके हैं जिनमें निवेश कर कोई भी उपभोक्ता अच्छे रिटर्न पा सकता है। दैनिक जागरण डॉट कॉम अपने इस आर्टिकल में आपको सोने में निवेश करने के चार अन्य विकल्पों के बारे में बताएगा।
सोने की छड़ या सिक्के खरीदना:
फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका छड़ और सिक्कों में निवेश करने का है। बैंक और ज्वैलरी शॉप से कोई भी उपभोक्ता इन्हे खरीद सकता है। आम तौर पर यह 5 ग्राम, 10 ग्राम और 50 ग्राम वजन में उपलब्ध होते हैं। इस विकल्प के जरिए अगर आप सोने में निवेश करते हैं तो आपको गहनों की तुलना में अधिक शुद्धता मिलती है। इसपर मिलने वाला रिटर्न गहनों की तुलना में इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इसमें कोई भी मेकिंग या डिजायन का चार्ज नहीं होता है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर भविष्य में कभी भी आप इसके गहने बनवा सकते हैं।
गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स):
गोल्ड ETF के जरिए आप गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। ऑनलाइन गोल्ड खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। इस माध्यम से कोई भी उपभोक्ता कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है। इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के चार्जेस लगते है। जब उपभोक्ता बेचना चाहें डीमैट की मदद से ही घर बैठे बेच सकते हैं।
गोल्ड फंड्स (म्युचुअल फंड्स):
ऑनलाइन गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका म्युचुअल फंड्स भी है। इसमें आप न्यूनतम 1000 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं। तमाम कंपनियां गोल्ड फंड चलाती हैं, जिनमें निवेश करके कोई भी व्यक्ति गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है
सॉवरन गोल्ड बॉण्ड स्कीम:
सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम को गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करने के उद्देश्य से लॉन्च किया था। इसमें खरीदारी बॉन्ड्स के रूप में होती है। कीमतों में उतार चढ़ाव के हिसाब से निवेश पर ब्याज दिया जाता है। बॉन्ड का गुणांक 5, 20, 50 और 100 ग्राम के गोल्ड में होता है। इस स्कीम के अंतर्गत बॉन्ड्स को बैंक/एनबीएफसी/पोस्ट ऑफिस/ नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एजेंट्स के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है। भारत में गोल्ड में निवेश करने का यह एक और माध्यम है।