साल 2018 में किन कंपनियों में बनेंगे कमाई के मौके, यहां जानिए
एक्सपर्ट मानते हैं कि 2018 शेयर बाजार के लिए बड़े उतार-चढ़ाव वाला होगा, हालांकि पूरे साल में रिटर्न की बात की जाए तो इसके डबल डिजिट में ही रहने की ही उम्मीद है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय शेयर बाजार के लिए 2017 का साल शानदार रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने ही निवेशकों को करीब 30 फीसद का रिटर्न दिया। इस तेजी का बड़ा कारण जहां एक ओर म्युचुअल फंड्स के जरिए रिटेल निवेशकों का शेयर बाजार में रिकॉर्ड निवेश रहा वहीं दूसरी ओर विदेशी निवेशकों ने भी 2017 में करीब 50 हजार करोड़ का निवेश किया। शेयर बाजार में इस भारी निवेश को आकर्षित करने का काम जीएसटी, बैंकरप्सी कोड जैसे रिफॉर्म्स पर आगे बढ़ती सरकार के कदम, बैंकों की हालत सुधारने के लिए सरकार की ओर से किये गए प्रयास, देशभर में हुए चुनाव में बीजेपी की मजबूत स्थिती, सस्ता क्रूड, काबू में आती महंगाई आदि ने किया।
इस बड़ी तेजी के बाद अब निवेशकों के मन में यह सवाल आना लाजमी है कि बाजार में यह तेजी कब तक जारी रहेगी? 2018 बाजार के लिए कैसा रहेगा? मुनाफे वाले सौदों में मुनाफावसूली कर ली जाए या मौजूदा स्तर पर नया निवेश फायदेमंद होगा आदि। एक्सपर्ट मानते हैं कि 2018 शेयर बाजार के लिए बड़े उतार-चढ़ाव वाला होगा, हालांकि पूरे साल में रिटर्न की बात की जाए तो इसके डबल डिजिट में ही रहने की ही उम्मीद है।
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लंबी अवधि नहीं छोटे समय के लिए बनाएं सौदे: एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटी के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल का मानना है कि 2018 का साल निवेश नहीं छोटी अवधि के लिए सौदे बनाने वाला साल होगा। बजट, कंपनियों के तिमाही नतीजे तमाम ऐसे घटनाक्रम होंगे जहां निवेशकों को छोटी अवधि में निवेश कर अच्छे कमाई के मौके मिल सकते हैं। सालभर के नजरिए से बाजार को देखेंगे तो अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई ऐसी चुनौतियां हैं जो बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती हैं। मसलन, सरकार का फिस्कल डेफेसिट के टार्गेट से चूकना, क्रूड के बढ़ते दाम, महंगाई का बढ़ना, आरबीआई पर ब्याज दरें बढ़ाने का दवाब आदि। इसके अलावा अगले एक साल में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जो बाजार को दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।
किस सेक्टर्स में मिलेंगे कमाई के मौके: वी एम फाइनेंनशियल के फंड मैनेजर विवेत मित्तल के मुताबिक पूरे साल की बात करें तो सरकारी बैंक, मेटल, लॉजिस्टिक्स और मीडिया कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। सरकार की ओर से जिस तरह बैंकों की बैलेंस शीट क्लीन करने का काम किया जा रहा है उसके बाद सरकारी बैंक निवेश के लिहाज से बेहतर साबित हो रहे हैं। इसी तरह जीएसटी का फायदा आने वाले समय में लॉजिस्टिक्स कंपनियों को मिलेगा। विवेक ने यह भी कहा कि जिन कंपनियों पर ऋण का बोझ कम हुआ है वहां भी निवेश के मौके मिल सकते हैं। ऐसे में सालभर के नजरिये से अगर निवेश करना चाहते हैं तो इन सेक्टर्स से जुड़ी चुनिंदा कंपनियों में निवेश किया जा सकता है।
छोटी अवधि में कहां मिलेंगे कमाई के मौके?
तिमाही नतीजों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में कुछ सेक्टर्स में कंपनियों के नतीजे बेहतर रहने की उम्मीद है, वहीं छोटी अवधि के लिहाज से इनमें निवेश किया जा सकता है। इनमें मेटल, ज्वैलरी, निजी बैंक, चुनिंदा ऑटो कंपनियों पर फोकस किया जा सकता है। इस साल सरकार का फोकस ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर होगा। ऐसे में कृषि, सिंचाई, ग्रामीण अर्थव्यवस्था से प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में सौदे बनाए जा सकते हैं।
आसिफ के मुताबिक इस साल सरकारी कंपनियां सरकार को साल के अंत में अच्छा लाभांश दे सकती हैं। ऐसे में कैश रिच सरकारी कंपनियों में छोटी अवधि के लिए निवेश करके लाभांश के रास्ते अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। जिन कंपनियों पर कर्ज का बोझ कम हुआ है उनकी ब्याज के रूप में जाने वाली राशि में कमी आएगी। कर्ज का बोझ घटने से कंपनियों का मुनाफा सुधरता दिख सकता है। ऐसे में छोटी से मध्यम अवधि के नजरिये से वहां निवेश किया जा सकता है। इनमें रियल इस्टेट, मेटल कंपनियों पर फोकस किया जा सकता है।