PFRDA ने आसान किए NPS निकासी के नियम, जानिए 10 बड़ी बातें
अपने घर के निर्माण के लिए निकासी के नियम से पहले सब्सक्राइबर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि घर आपका स्वयं का फिर आपके जीवनसाथी का है
By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2018 08:23 AM (IST)
style="text-align: justify;">नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नियमों में हुए हालिया बदलावों के अनुसार एनपीएस निकासी नियमों को सरल किया गया है। इसके मुताबिक एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) खाता खोले जाने के तीन वर्ष बाद इससे करीब 25 फीसद राशि की निकासी की जा सकेगी। पीएफआरडीए के मुख्य महाप्रबंधक वेंकटेश्वरलू पेरी की ओर से जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक नियमों में हुए हालिया बदलाव 10 जनवरी 2018 से लागू हो गए हैं।
एनपीएस निकासी नियमों से जुड़ी 10 बड़ी बातें:
- आंशिक निकासी सब्सक्राइबर्स की ओर से किए गए योगदान के 25 फीसद की सीमा तक की जा सकती है, लेकिन इसमें नियोक्ता की ओर से किया गया योगदान शामिल नहीं होता है।
- निकासी के नियमों को पीएफआरडीए की ओर से परिभाषित किया गया है। निकासी के उद्देश्यों में किसी पारिवारिक सदस्य की गंभीर बीमारी का इलाज, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी का खर्च और निर्माण एवं मकान की खरीद का खर्च।
- शैक्षणिक खर्चों के अंतर्गत सब्सक्राइबर के खुद के या फिर कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चों को शामिल किया जाता है।
- शादी का खर्च भी निकासी के लिए मान्य होता है। इसमें खुद के बच्चे की शादी का खर्च और गोद लिए गए बच्चे की शादी का खर्च भी मान्य होता है।
- अपने घर के निर्माण के लिए निकासी के नियम से पहले सब्सक्राइबर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि घर आपका स्वयं का फिर आपके जीवनसाथी का है। साथ ही सब्सक्राइबर को यह भी नहीं बताना होगा कि आपके पास पैत्रक संपत्ति के अलावा भी एक से ज्यादा घर का मालिकाना हक नहीं है।
- इलाज के लिए 25 फीसद की आंशिक निकासी उसी सूरत में लागू होती है जब पीड़ित व्यक्ति को कैंसर, किडनी फेल्योर,मल्टीपल स्केलेरोसिस, प्रमुख अंग प्रत्यारोपड़,हृदयाघात, हार्ट वाल्व सर्जरी, कोमा, पैरालिसिस (लकवा) और टोटल ब्लाइंडनेस जैसी कई प्रमुख बीमारियां होती हैं।
- सब्सक्राइबर्स पूरी सब्सक्रिप्शन अवधि के दौरान अधिकतम तीन बार ही ऐसी निकासी कर सकते हैं।
- निकासी के लिए सब्सक्राइबर्स (ग्राहक) को केंद्रीय अभिलेख रखने एजेंसी के लिए अनुरोध करना चाहिए या फिर नोडल ऑफिस के जरिए नेशन पेंशन सिस्टम ट्रस्ट को।
- यदि सब्सक्राइबर्स (ग्राहक) एक बीमारी से पीड़ित है, जैसा कि खंड में उल्लिखित है, तो ऐसी स्थिति में इसका आवेदन आपके पारिवारिक सदस्य की ओर से किया जा सकता है।
- ये नए नियम 10 जनवरी 2018 से प्रभावी हो जाएंगे।
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