Jagran Dialogues: सुखी आर्थिक जीवन के लिए कैसी हो युवाओं की प्लानिंग कि भविष्य के सपने हों पूरे
आदर्श तौर पर नौकरी की शुरुआत के साथ ही पर्सनल एक्सीडेंट एवं डिसैबिलिटी कवर ले लेना चाहिए क्योंकि दुर्घटनाएं कह कर नहीं आती हैं। इसके अलावा इमरजेंसी फंड बनाने पर फोकस करना भी युवाओं के लिए जरूरी है।
नई दिल्ली, मनीश कुमार मिश्र। नौकरी की शुरुआत करने वाले युवा हों या अपने क्षेत्र में दो-चार साल का अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल्स, फाइनेंशियल प्लानिंग इन सबके लिए जरूरी है ताकि भविष्य सुख से कटे और वे कर्ज के जाल में भी न फंसें। Jagran Dialogues के इस एपिसोड में Goodmoneying के Chief Financial Planner, Manikaran Singal और Sebi Registered Investment Advisor, Jitendra Solanki से Manish Mishra और Varun Sharma ने युवाओं की फाइनेंशियल प्लानिंग पर बातचीत की।
Jitendra Solanki ने बताया कि आदर्श तौर पर नौकरी की शुरुआत के साथ ही पर्सनल एक्सीडेंट एवं डिसैबिलिटी कवर ले लेना चाहिए क्योंकि दुर्घटनाएं कह कर नहीं आती हैं। इसके अलावा, इमरजेंसी फंड बनाने पर फोकस करना भी युवाओं के लिए जरूरी है। लंबी बीमारी या नौकरी जाने की दशा में यही इमरजेंसी फंड काम आता है। सोलंकी ने कहा कि यह आम तौर पर मासिक आमदनी का कम से कम चार से छह गुना होना चाहिए।
विस्तृत जानकारी के लिए आप Jagran Dialogues का यह एपिसोड जरूर देखें।
वहीं, Manikaran Singal ने सलाह दी कि युवाओं को 30:30:30:10 का फॉर्मूला अपनाना चाहिए। 30 प्रतिशत पारिवारिक खर्च के लिए, 30 प्रतिशत की बचत, 30 प्रतिशत ईएमआई और 10 प्रतिशत बीमा पर खर्च करना चाहिए। सिंघल ने बताया कि अगर ईएमआई को कम किया जा सकता है या इसका बोझ नहीं है तो निश्चित तौर पर युवाओं को अपना निवेश बढ़ाना चाहिए।
बहुत सारे युवाओं की चाहत होती है कि वे समय से पहले रिटायर हो जाएं और बाकी की जिंदगी अपने शौक पूरे करते हुए पूरे सुकून के साथ बिताएं। सिंघल ने बताया कि अर्ली रिटायरमेंट संभव है लेकिन इसके लिए अनुशासित तरीके से ज्यादा निवेश की जरूरत होगी। अगर लोन की ईएमआई कम है और इनकम समय के साथ बढ़ रहा है तो ऐसे में निवेश की रकम बढ़ा कर अर्ली रिटायरमेंट का सपना पूरा किया जा सकता है।