इन स्कीमों में करें निवेश, रिटायरमेंट के बाद भी होगी अच्छी इनकम
इन स्कीमों में निवेश कर आप रिटायरमेंट के बाद भी निश्चित आय सुनिश्चित कर सकते हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरी से रिटायरमेंट कर्मचारी की जिंदगी आरामदायक हो जाती है। नौकरी की भागदौड़ के बाद रिटायरमेंट के बाद दिन आराम और सुकून से जीने के होते हैं। हालांकि, इस दौरान हर महीने मिलने वाली पैसे में कमी आ जाती है। इसलिए नौकरी के दौरान की गई सेविंग्स और प्लानिंग आपकी इस चिंता को भी दूर कर देती है। इसके लिए जरूरी है कि नौकरी के शुरुआती दौर से ही सेविंग्स की आदत डाल ली जाए। कई ऐसे विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल आप सेविंग्स के लिए कर सकते हैं। आइये जानते हैं उन विकल्पों के बारे में-
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) - रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय के लिए एफडी एक अच्छा विकल्प है। यह सुरक्षित और सुविधाजनक है। रिटायर लोगों के लिए एफडी एक निश्चित रिटर्न देती है। बता दें कि अलग-अलग बैंकों में एफडी पर मिलने वाले ब्याज की दर अलग-अलग होती है। पोस्ट ऑफिस और दूसरी कंपनियां भी एफडी की सुविधा देती हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम - इस स्कीम में 60 साल की उम्र के बाद निवेश किया जा सकता है। इसके अलावा अगर किसी कर्मचारी ने वॉलेन्टरी रिटायरमेंट सर्विस (VRS) ली है तो वे 55 साल की उम्र से इसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें एक व्यक्ति 15 लाख रुपये तक का अधिकतम निवेश कर सकता है। इसमें निवेश पर आयकर में छूट मिलती है। दिसंबर 2018 में खत्म होने वाली तिमाही में इस स्कीम पर सालाना 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम - इस दिसंबर में खत्म होने वाली तिमाही में इस स्कीम पर 7.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इसमें सिंगल अकाउंट पर अधिकतम 4.5 लाख रुपये और ज्वाइंट अकाउंट में 9 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है।
इक्विटी में निवेश - रिटायरमेंट की योजना बनाने वाले लोग इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इक्विटी में डायरेक्ट और म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश किया जा सकता है। पहली बार इसमें इन्वेस्ट करने वालों को इसमें म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना चाहिए।
म्युचुअल फंड - म्यूचुअल फंड निवेश के लिए बेस्ट ऑप्शन है। म्यूचुअल फंड को इक्विटी की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स द्वारा मैनेज किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि म्युचुअल फंड से सिस्टेमैटिक विड्रावल प्लांस (एसडब्ल्यूपी) के माध्यम से आय का निश्चित स्त्रोत बना रहेगा। इक्विटी म्यूचुअल फंड भी लंबे समय के बाद अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) - इसका लॉक-इन पीरियड 15 सालों का होता है। इसमें मैच्योरिटी अमाउंट और कुल ब्याज टैक्स फ्री होता है। यानी इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है।