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How to Invest in Gold: सोने में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान

आधुनिक मान्यता कहती है कि सोने में निवेश किसी दूसरी कमोडिटी में निवेश के जैसा ही है। आइये जानते हैं गोल्ड में किस तरीके से निवेश कर सकते हैं।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:11 AM (IST)
How to Invest in Gold: सोने में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान
How to Invest in Gold: सोने में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। निवेशक गोल्ड में कई तरह से निवेश कर सकते हैं। Gold की कीमत में किसी भी तरह की बढ़ोतरी पूरी तरह से इस मान्यता पर आधारित है कि जब हम इसे बेचेंगे तो कोई खरीदार इसकी अधिक कीमत देगा। लेकिन असल में हमेशा शर्तिया तौर पर ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं है। अगर सोने में निवेश की बात करें तो इस समय पिछले 10 वर्षो में किए गए निवेश का रिटर्न 8.3 परसेंट रहा है। आधुनिक मान्यता कहती है कि सोने में निवेश किसी दूसरी कमोडिटी में निवेश के जैसा ही है। आइये जानते हैं गोल्ड में किस तरीके से निवेश कर सकते हैं।

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1. लिक्विडिटी: तरलता किसी संपत्ति की आसानी से नकदी में बदलने की क्षमता है जो निवेश का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यदि कोई अपने गोल्ड इनवेस्टमेंट्स की तरलता चाहता है, तो गोल्ड ईटीएफ सबसे अच्छा विकल्प है, इसके बाद दूसरे स्थान पर फिजिकल गोल्ड है। हालांकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) अन्य मामलों में बेहतर हैं, 8 साल की न्यूनतम निर्धारित लॉक-इन अवधि के कारण इसकी तस्वीर कुछ हद तक साफ समझ आती है। 

2. सुरक्षा: निवेश की सुरक्षा भी एक प्रमुख चिंता का विषय है, खासकर जब आप गोल्ड में निवेश के लिए सोच रहे हैं तो इसकी प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सबसे अच्छा विकल्प है, इसके बाद गोल्ड ईटीएफ भी बेहतर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फिजिकल सोने के विपरीत, वह निवेशक के डीमैट खाते में डिजिटल रूप में जमा होता है, इसलिए, चोरी या धोखाधड़ी का जोखिम खत्म हो जाता है।

3. उम्मीद के मुताबिक रिटर्न: हर निवेशक यह चाहता है कि वह जहां निवेश करे उसे वहां से बेहतर रिटर्न मिले। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, ज्यादा रिटर्न देते हैं, जिसमें गोल्ड मूल्य के रिटर्न के अलावा 2.5% प्रति वर्ष अतिरिक्त ब्याज मिलता है।

4. स्टोरेज कॉस्ट: - गोल्ड के लिए स्टोरेज कॉस्ट का खर्च भी देना पड़ता है। उम्मीद के मुताबिक, एसजीबी और गोल्ड ईटीएफ फिजिकल सोने की तुलना में मामूली लागत पर बहुत सुविधाजनक और जोखिम मुक्त भंडारण की सुविधा देते हैं, क्योंकि वे डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा होते हैं। 

5. प्यूरिटी: सोने जैसी कीमती धातुओं के मामले में शुद्धता सबसे जरूरी चीज है। फिजिकल सोने की खरीद हमेशा एक विश्वसनीय डीलर से करना चाहिए ताकि धोखाधड़ी के जोखिम को कम किया जा सके और खरीदे गए सोने की गुणवत्ता/शुद्धता बेहतर हो।


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