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इनकम टैक्स बचाने के लिए ये तीन निवेश विकल्प आएंगे आपके काम, जानिए इनके बारे में

आइये कुछ अन्य निवेश विकल्पों पर नज़र डालें जो आपके कर के बोझ को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 03:27 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 12:47 PM (IST)
इनकम टैक्स बचाने के लिए ये तीन निवेश विकल्प आएंगे आपके काम, जानिए इनके बारे में
इनकम टैक्स बचाने के लिए ये तीन निवेश विकल्प आएंगे आपके काम, जानिए इनके बारे में

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। यह वित्तीय वर्ष समाप्त होने के करीब है और लोग अपने कर को बचाने के लिए विकल्पों की तलाश में हैं। यदि आपको पीपीएफ और जीवन बीमा जैसे अधिक लोकप्रिय निवेश विकल्पों के बारे में पता है तो आइये कुछ अन्य निवेश विकल्पों पर नज़र डालें जो आपके कर के बोझ को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

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(1) पुराने टैक्स सेविंग निवेश विकल्पों में फिर से निवेश करें: जब आपके पुराने कर बचत निवेश लॉक-इन अवधि को पार कर जाएं, तो पैसे निकाल लें और टैक्स का फायदा लेने के लिए कर-प्रभावी निवेश साधनों में एक बार फिर से निवेश करें। बता दें कि PPF जैसी योजनाएं निवेश के समय से सात साल पूरा करने पर आंशिक निकासी की अनुमति देती हैं, इसके अलावा टैक्स बचत का फायदा ELSS की तीन साल की लॉक-इन अवधि पर भी मिलता है, जिसे पूरी तरह या आंशिक रूप से वापस लिया जा सकता है।

(2) माता-पिता की मदद से टैक्स बचाएं: आप अपनी बचत को अपने माता-पिता के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) खातों में ट्रांसफर कर सकते हैं और उनके प्रत्येक खाते से एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक कर मुक्त ब्याज कमा सकते हैं और अधिक रिटर्न के लिए आपके माता-पिता एससीएसएस जैसे धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य अन्य कर-बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

आप एचआरए का दावा भी कर सकते हैं और अपने माता-पिता को किराया देकर अपनी कर देनदारी कम कर सकते हैं। हालांकि, आपको आईटी विभाग से किसी भी जांच की स्थिति में परेशानी से बचने के लिए अपने माता-पिता से एक किराए के समझौते और किराए की पर्ची की जरूरत होगी।

(3) धारा 80 सी के तहत प्री-स्कूल फीस में कटौती: प्री-स्कूल, यानी प्री-नर्सरी और नर्सरी के लिए ट्यूशन फीस, आयकर की धारा 80C के तहत दो बच्चों के लिए कटौती के योग्य है। इसलिए प्रत्येक माता-पिता दो बच्चों के लिए भुगतान की गई फीस में कटौती का दावा कर सकते हैं। हालांकि, आपको वित्तीय वर्ष के लिए अपने नियोक्ता को किए गए भुगतान के लिए रसीद जमा करनी होगी।


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