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Oxygen concentrators के रेट में जबर्दस्‍त कमी, 252 मेडिकल उत्‍पादों के दाम हुए रिवाइज

Covid mahamari की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बढ़ती मांग के कारण ऊपर जा रहीं कीमतों पर अब लगाम लगेगी। National Pharmaceutical Pricing Authority (NPPA) के नोटिफिकेशन के बाद Oxygen Concentrators के 104 मैन्‍युफैक्‍चरर्स और इंपोटर्स ने 252 उत्‍पादों की रिवाइज्‍ड Mrp भेजी है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:00 AM (IST)
Oxygen concentrators के रेट में जबर्दस्‍त कमी, 252 मेडिकल उत्‍पादों के दाम हुए रिवाइज
70 उत्‍पादों की कीमतों में 54 फीसद तक कमी आई है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Covid mahamari की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बढ़ती मांग के कारण ऊपर जा रहीं कीमतों पर अब लगाम लगेगी। National Pharmaceutical Pricing Authority (NPPA) के नोटिफिकेशन के बाद Oxygen Concentrators के 104 मैन्‍युफैक्‍चरर्स और इंपोटर्स ने 252 उत्‍पादों की रिवाइज्‍ड Mrp भेजी है। इससे कीमतों पर लगाम कसेगी। ऐसा करने से 70 उत्‍पादों की कीमतों में 54 फीसद तक कमी आई है।

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इसके अलावा 58 ब्रांड में 25 फीसद जबकि 11 ब्रांड में 50 फीसद तक प्राइस कम हुआ है। देश में बने 18 प्रोडक्‍ट के रेट नहीं बदले हैं। बता दें कि बेकाबू कीमतों के बीच सरकार ने ट्रेड मार्जिन की सीमा तय करते हुए कीमतों को कम करने के आदेश दिए थे।

इन उत्‍पादों की कीमतों में हुआ बदलाव

Portable-5LPM (80 product में 19)

Portable-10LPM (32 product में 7)

Stationary-5LPM (46 product में 19)

Stationary-10LPM (27 product में 13)

सरकार की तरफ से इसकी कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए डिस्ट्रिब्यूटर तक के लिए ट्रेड मार्जिन अधिकतम 70 फीसद तक रखने का आदेश दिया गया था।

कारखाने से डिस्ट्रिब्यूटर तक पहुंचने में कीमत का जो अंतर होता है उसे ट्रेड मार्जिन कहा जाता है। कारखाने से डिस्ट्रिब्यूटर तक पहुंचने में जो चेन होती है उसकी वजह से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की कीमत ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते बढ़ जाती है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल प्राइस फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) के पैरा 19 में मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के डिस्ट्रिब्यूटर लेवल तक के प्राइस पर ट्रेड मार्जिन 70 फीसद तक रखने का निर्णय लिया है।

इसके अलावा राज्य औषधि नियंत्रकों (एसडीसी) को आदेश के अनुपालन की निगरानी करने का भी निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी Manusfacturer, वितरक, खुदरा विक्रेता किसी भी उपभोक्ता को संशोधित एमआरपी से अधिक कीमत पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नहीं बेचेगा, ताकि कालाबाजारी की घटनाओं को रोका जा सके।

फरवरी 2019 में एनपीपीए ने कैंसर रोधी दवाओं पर व्यापार मार्जिन को सीमित कर दिया था। अधिसूचित व्यापार मार्जिन के आधार पर, एनपीपीए ने निर्माताओं/आयातकों को तीन दिनों के भीतर संशोधित एमआरपी की रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। एनपीपीए द्वारा एक सप्ताह के भीतर संशोधित एमआरपी को सार्वजनिक डोमेन में सूचित किया जाएगा।


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