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PPF अकाउंट: जानिए आंशिक और पूर्ण निकासी के बारे में पूरी जानकारी

पीपीएफ लंबी अवधि के नजरिए से एफडी आरडी डाकघर बचत स्कीम म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे निवेश के मुकाबले ज्यादा बेहतर है

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 01:26 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 02:26 PM (IST)
PPF अकाउंट: जानिए आंशिक और पूर्ण निकासी के बारे में पूरी जानकारी
PPF अकाउंट: जानिए आंशिक और पूर्ण निकासी के बारे में पूरी जानकारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली ऐसी सेविंग स्कीम है जो सैलरी पाने वाले और मिडिल क्लास निवेशकों के लिए कई सालों से पसंदीदा रही है। पीपीएफ में निवेश करने पर टैक्स में बेनिफिट मिलता है और मैच्योरिटी के वक्त भी कोई टैक्स नहीं लगता है। इस निवेश के साथ सरकार की गारंटी भी मिलती है, जिसके बाद ये भारतीय नागरिकों का सबसे बेहतरीन निवेश बन जाता है।

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पीपीएफ लंबी अवधि के नजरिए से एफडी, आरडी, डाकघर बचत स्कीम, म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे निवेश के मुकाबले ज्यादा बेहतर है। भारत सरकार के नियमों के अनुसार, ग्राहक मैच्योरिटी से पहले ही पीपीएफ अकाउंट से थोड़ा पैसा निकाल सकते हैं। इसी के साथ पीपीएफ अकाउंट में मौजूद अमाउंट पर लोन भी लिया जा सकता है।पीपीएफ अकाउंट की अवधि 15 साल है, जिसमें जमा पैसा उस तय समय के लिए लॉक हो जाता है। एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है। वर्तमान में पीपीएफ अकाउंट पर 8 फीसद की ब्याज दर मिल रही है।

आंशिक निकासी: पीपीएफ अकाउंट में 5 साल पूरे होने के बाद ही इससे आंशिक निकासी की जा सकती है। 5 साल पूरे होने के बाद पीपीएफ अकाउंट में जमा कुल बैलेंस में से अधिकतम 50 फीसद धन निकाला जा सकता है। पहले वित्त वर्ष को छोड़कर 5 साल की अवधि पूरी होती है, जिसके तहत पीपीएफ अकाउंट से आंशिक निकासी 6 साल में हो सकती है। पीपीएफ अकाउंट से आंशिक निकासी पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है।

पूर्ण निकासी: पीपीएफ अकाउंट से पूर्ण निकासी सिर्फ मैच्योरिटी पूरी होने के बाद यानी 15 साल के बाद ही हो सकती है। हालांकि, सरकार मेडिकल इमरजेंसी, खतरनाक बीमारी, निधन और हायर एजुकेशन के लिए पीपीएफ अकाउंट को बंद करने की अनुमति देती है। मैच्योरिटी के समय मिलने वाला अमाउंट और 15 सालों के दौरान अर्जित ब्याज टैक्स फ्री होता है।

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