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FD बनाम PPF: जानिए आपके लिए दोनों में से कौन बेहतर

जानिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में से आपके लिए क्या बेहतर है

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 02:27 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 11:45 AM (IST)
FD बनाम PPF: जानिए आपके लिए दोनों में से कौन बेहतर
FD बनाम PPF: जानिए आपके लिए दोनों में से कौन बेहतर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। निवेश विकल्प के चयन में अधिकांश निवेशक कन्फ्यूज रहते हैं। निवेशक आसानी से यह निर्णय नहीं ले पाते हैं कि उन्हें किस विकल्प का चुनाव करना चाहिए। इनमें से निवेश से जुड़ी कम जानकारी का होना अहम भूमिका निभाता है, जिस वजह से अक्सर उनका पैसा डूब भी जाता है। बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हम इस खबर में आपको इन्हीं दोनों के बीच तुलना कर बता रहे हैं कि आपके लिए कौन ज्यादा बेहतर है।

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ): निवेश के लिहाज से पीपीएफ एक खास स्कीम होती है जिसका मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्षों का होता है। हालांकि इसे पांच वर्षों के गुणांक में मैच्योरिटी के एक वर्ष के भीतर अनिश्चित काल तक तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। खास बात यह है कि सब्सक्राइबर पीपीएफ खाते को पोस्ट ऑफिस से बैंक और बैंक से पोस्ट ऑफिस ट्रांसफर करते हैं।

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट: एफडी ऐसा निवेश विकल्प है जिसे बैंक और गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियां पेश करती हैं। लोग यहां पर सेविंग एकाउंट से ज्यादा ब्याज हासिल कर सकते हैं। सब्सक्राइबर्स निर्धारित अवधि के लिए लंपसम राशि एफडी में निवेश कर सकते हैं। इसकी अवधि सात दिन से लेकर 10 वर्ष तक होती है।

मैच्योरिटी या लॉक इन पीरियड: लॉक इन पीरियड वो समय होता है जिसके बाद खाता परिपक्व होता है। पीपीएफ स्कीम के तहत, खाता 15 वर्ष के बाद परिपक्व होता है जबकि एफडी में यह अवधि सात दिन से लेकर 10 वर्ष है।

ब्याज दरें: पीपीएफ पर ब्याज दरें सरकार निर्धारित करती है। साथ ही इसमें बदलाव करने का अधिकार भी सरकार के ही पास होता है। मौजूदा समय में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.6 फीसद है। वहीं, दूसरी ओर फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें व्यक्तिगत वित्तीय संस्थान तय करते हैं। अधिकांश बैंक 7.25 फीसद तक का ब्याज देते हैं।

अपरिपक्व निकासी: अपरिपक्व निकासी सुविधा पीपीएफ और एफडी दोनों में होती है। पीपीएफ योजना के तहत सब्सक्राइबर पांच वर्ष के बाद ही पैसों की निकासी कर सकते हैं। साथ ही खाते से सीमित राशि ही निकाली जा सकती है। वहीं एफडी के मामले में अधिकांश बैंक अपरिपक्व निकासी की सुविधा तो देते हैं लेकिन वे इसपर शुल्क लगाते है।

कर कटौती: कोई भी व्यक्ति इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत पब्लिक प्रोविडेंट फंड और टैक्स सेविंग डिपॉजिट में कर कटौती के लिए दावा कर सकता है।

निवेश राशि: पीपीएफ में अधिकतम 1,50,000 रुपये की राशि प्रति वर्ष निवेश की जा सकती हैं। हालांकि एफडी में ऐसी कोई निवेश सीमा नहीं है।


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