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इन 5 तरीकों से फिजूलखर्ची रोक पाएंगे आप, हर महीने होगी बचत

निवेश का मतलब है भविष्य में इसके फायदे पाना। कुछ निवेश आपको लंबी अवधि के फायदे देते हैं तो कुछ कम अवधि में फायदे देते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 05:18 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 10:57 AM (IST)
इन 5 तरीकों से फिजूलखर्ची रोक पाएंगे आप, हर महीने होगी बचत
इन 5 तरीकों से फिजूलखर्ची रोक पाएंगे आप, हर महीने होगी बचत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। यह मायने नहीं रखता है कि आप कितना कमाते हैं, बल्कि उसमें से आप कितना खर्च कर देते हैं इससे फर्क पड़ता है। आप चाहे जितना भी बचत करने की कोशिश करें, जब तक आपके अकाउंट में अगले महीने की सैलरी आती है तब तक पिछले महीने की सैलरी खत्म हो चुकी होती है। कुछ लोग कह सकते हैं कि जब तक आप आराम से कमा रहे हैं तो खर्च करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब आपको इसकी सच्चाई पता लगती है तब आप सोचते हैं कि आप न तो बचत कर रहे हैं और न ही अपने पैसे निवेश कर रहे हैं और ये चिंतित होने का विषय है।

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अभी आपको एक निश्चित मासिक आय प्राप्त हो रही हैं, लेकिन एक दिन आप रिटायर होंगे और आपने उस समय के लिए कुछ भी नहीं बचाया है तो आपको भविष्य में बहुत सी दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा। निवेश का मतलब है भविष्य में इसके फायदे पाना। कुछ निवेश आपको लंबी अवधि के फायदे देते हैं तो कुछ कम अवधि में फायदे देते हैं।

बचत और निवेश के लिए जरूरी है आप तनख्वाह के जितना खर्च करना रोक दें और ये 5 तरीके हैं, जिनसे ऐसा कर सकते हैं-

योजना बनाना: सबसे पहले आपको अपने पैसे खर्च करने की विचार प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलना होगा। बचत करने के बाद जो बचता है उसे खर्च करने के बजाय निवेश करने का लक्ष्य रखना चाहिए। आपको बस अपने मासिक खर्चों को ट्रैक करना है और फिर अगले महीने के हिसाब से अपने खर्चों की योजना बनानी है। एक बार जब आपको अपने आवश्यक खर्चों का अंदाजा हो जाएगा तो अगली सैलरी आने से पहले पिछली सैलरी में से कुछ बचा पाएंगे।

प्राथमिकता: लोग ये तर्क दे सकते हैं कि वे बचत करना चाहते हैं, लेकिन खर्च इतने अधिक हैं कि बचत हो नहीं पाती है। आपको एक योजना बनाने की जरूरत है, जहां अपने खर्चों को उनकी जरूरत के हिसाब से प्राथमिकता देनी है। इसमें अपने कर्ज का भुगतान, मकान का किराया आदि सबसे ऊपर होना चाहिए। कई बार लोग अपनी कमाई को ज्यादा समझ लेते हैं इसलिए जरूरत से ज्यादा खर्च कर जाते हैं। जब तक आप कोई समझदारी वाला निर्णय नहीं लेंगे ये ऐसे ही चलता रहेगा। प्रत्येक माह अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर खर्च और भुगतान करें।

अतिरिक्त आय: कुछ लोग सिर्फ बुनियादी जरूरतों के भुगतान जितना ही कमाते हैं और इसलिए बचत या निवेश करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे लोगों अपनी आय बढ़ाने के लिए तनख्वाह से अलग भी सोचना चाहिए। ऐसे में आप ओवरटाइम कर हर महीने थोड़ा अतिरिक्त कमा सकते हैं और अतिरिक्त पैसे को बचा सकते हैं, जहां पर उसमें ब्याज भी मिलना शुरू हो जाए। जब आपके पास बचत की हुई प्रयाप्त राशि हो जाए तो आप उसे कम से कम जोखिम वाली योजना में निवेश कर सकते हैं।

प्रलोभन छोड़ना: कई बार आपको बोनस या विशेष भत्ते मिलते हैं। उस समय आपको बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना है, क्योंकि ऐसे समय में आप उस जगह खर्च करना चाहेंगे जहां आप लंबे समय से खर्च करना चाह रहे हैं ऐसे में आपको खुद को रोकना है। जरूरी नहीं है कि आपको खुद को उस पैसे को बिल्कुल भी खर्च न करने दें, लेकिन आप उसका एक बड़ा हिस्सा बचा कर निवेश कर सकते हैं।

क्रेडिट और कर्ज: क्रेडिट कार्ड बहुत ही उपयोगी होते हैं। आपको बस उस कार्ड को स्वाइप करके पैसा खर्च करना है। जब ये सब हो रहा है तो आपको ये नहीं पता चलेगा कि आपने कितना ज्यादा फालतू खर्च कर लिया है। ये तथ्य है कि क्रेडिट कार्ड आपको खर्च करने के लिए प्रेरित करता है। अगर आप नकद में भुगतान कर रहे हैं तो आप खुद को आसानी से रोक सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के जरिए आपको लुभाने के लिए रोमांचक छूट और कैशबैक ऑफर हैं, लेकिन उसमें न फंसे क्योंकि आप जितना आपको वापस मिलेगा आप उससे ज्यादा खर्च कर रहे हैं। सिर्फ कुछ महीनों के लिए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना बंद करें और देखिए कि आप खर्चों को कम कर पाएंगे। प्रति माह कुछ बचत करने का फायदा यह है कि छोटी बचत धीरे-धीरे बड़ी हो जाती है, जिसको निवेश करने के बाद आपको रिटर्न के रूप में बढ़िया लाभ प्राप्त होता है।

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