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FIFA World Cup 2018: इस खेल से निवेशक सीख सकते हैं ये 5 रणनीति

FIFA World cup 2018 निवेशकों को सीखा सकता है ये पांच स्ट्रैटेजी, जानिए

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 04:32 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 09:56 AM (IST)
FIFA World Cup 2018: इस खेल से निवेशक सीख सकते हैं ये 5 रणनीति
FIFA World Cup 2018: इस खेल से निवेशक सीख सकते हैं ये 5 रणनीति

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फीफा वर्ल्ड कप अब खत्म हो चुका है, हालांकि यह खेल आपको निवेश के लिहाज से भी कई रणनीतियों के बारे में बताता है। फुटबॉल आपको निवेश करने के कई अहम गुर सिखा सकता है। यह बताने की जरूरत नहीं कि यहां टीम हर मैच के लिए अलग रणनीति बनाती है और टूर्नामेंट में खिताबी कब्जा करने के लिए अपनी विशेष रणनीति पर काम करती है।

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फीफा वर्ल्ड कप 2018 हमें खेल के साथ ही कई निवेश मंत्र सिखाता है। यह खबर आपको इन्हीं विशेष रणनीति के बारे में बताएगी।

लक्ष्य को करें निर्धारित-

मैच शुरू होने से पहले टीम हमेशा अपनी रणनीति तैयार करती हैं। जो टीम जितने ज्यादा गोल करती है, वह जीत जाती है। यही ख्याल निवेश को लेकर भी आपके जेहन में होना चाहिए। निवेशक को अपना निवेश केवल बच्चे की पढ़ाई या बच्चे की शादी तक सीमित नहीं रखना चाहिए। आपको विदेश यात्रा, नई गाड़ी, घर आदि के लिए भी पहले से लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

साथ ही लंबी अवधि के लिए रिटायरमेंट के लिए लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। वास्तव में निवेश शुरू करते समय रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग पहला गोल होता है। रिटायरमेंट गोल के दो चरण होते हैं। पहला संचय (एक्युमिलेशन) का चरण, जहां आप पैसों की बचत करते हैं। दूसरा वितरण (डिस्ट्रिब्यूशन) चरण, जहां आप आयु-संभाविता तक के लिए मासिक आय का प्रबंध करते हैं। वित्तीय सलाहाकार आपके खर्चों की गणना कर बताता है कि दूसरे चरण में आय के लिए कितना निवेश करने की जरूरत है।

एसेट क्लास का करें सही मिश्रण-

जिस तरह संतुलित टीम सफलता हासिल करती है, उसी तरह आपके पास संतुलित पोर्टफोलियो होना चाहिए ताकि आप अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकें। इस तरह से डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के बावजूद आपको इक्विटी में निवेश और संतुलित पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। एक वित्तीय सलाहाकार आपको एसेट का सही मिश्रण बता सकता है, जो आपकी निवेश राशि को बढ़ावा देगा। इससे आप अपना गोल समय अनुसार प्राप्त कर लेंगे।

रणनीति की करें समीक्षा-

फुटबॉल में खराब या सुस्त प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को बीच खेल से बाहर कर दिया जाता है फिर चाहे वह कितना ही सम्मानित क्यों न हो। इससे यह पता चलता है कि कब और कैसे रिव्यू करना चाहिए। समय-समय पर अपनी निवेश रणनीति की समीक्षा भी करनी चाहिए। कहने का मतलब यह है कि अगर आपको कोई निवेश मनमुताबिक और रणनीति के अनुसार रिटर्न नहीं दे पा रहा है, तो उसकी समीक्षा कर नए निवेश में पैसा लगाना चाहिए।

खुद को रखें अपडेटिड-

फुटबॉल टीम प्रतिस्पर्धी टीम के बारे में स्टडी कर रणनीति तैयार करने पर जोर देता है। निवेश के दौरान भी आपको निवेश पर असर डालने वाली क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों की जानकारी होनी चाहिए। इसी तरह आपको भी नियमित रूप से निवेश से पहले पूरी तरह से रिसर्च करनी चाहिए। बाजार की अस्थिरता में कभी भी हड़बड़ाना नहीं चाहिए।

वित्तीय सलाहाकार की ले सलाह-

आपका वित्तीय सलाहाकार टीम के कोच की तरह काम करता है। जिस तरह टीम का कोच रणनीति बनाता है और खिलाड़ियों को ट्रेन करता है। उसी तरह सलाहाकार आपको निवेश की रकम और संभावित रिटर्न के मुताबिक निवेश के बारे में सलाह देता है। निवेश के मामले में सलाहकार की भूमिका को नजरअंदाज करना आपके पूरे पोर्टफोलियो को खतरे में डाल सकता है।


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