Move to Jagran APP

बच्चों के लिए खोलना चाहते हैं सेविंग अकाउंट, तो इन 4 बातों का रखें ध्यान

बैंक आम तौर पर नाबालिगों के लिए दो तरह के खातों की पेशकश करते हैं। पहला 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए और 10 वर्ष से 18 वर्ष के बीच के बच्चों के लिए

By NiteshEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 11:46 AM (IST)
बच्चों के लिए खोलना चाहते हैं सेविंग अकाउंट, तो इन 4 बातों का रखें ध्यान
बच्चों के लिए खोलना चाहते हैं सेविंग अकाउंट, तो इन 4 बातों का रखें ध्यान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आमतौर पर वयस्क लोग देश के किसी भी बैंक में बचत खाता यानी सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं। लेकिन काफी कम लोगों को ही यह जानकारी होगी कि बच्चों के लिए भी बैंक में बचत खाता खुलवाया जा सकता है। देश के काफी सारे बैंक इसकी भी सुविधा देते हैं। ऐसा करने से आपको बच्चों के लिए बड़ा फंड तैयार करने में मदद मिलेगी और आप शुरू से ही बच्चे में वित्तीय अनुशासन बनाने की आदत भी डाल सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चों द्वारा पिग्गी खाते में पैसा जमा करने से बेहतर है कि वह अपना पैसा सेविंग अकाउंट में डालें। लेकिन बचत खाता खोलने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा।

loksabha election banner

खाते का प्रकार: बैंक आम तौर पर नाबालिगों के लिए दो तरह के खातों की पेशकश करते हैं। पहला 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए और 10 वर्ष से 18 वर्ष के बीच के बच्चों के लिए। उन बच्चों के लिए जो अभी तक 10 वर्ष के नहीं हुए हैं, यदि उनके नाम पर कोई खाता खुला है, तो इसे संयुक्त रूप से माता-पिता या अभिभावक में से किसी एक के साथ मिलाना होगा। 10 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बीच, यदि कोई खाता खोला जाता है, तो नाबालिग स्वयं खाता संचालित कर सकता है। हालांकि, एक बार 18 वर्ष की आयु पार करने के बाद, खाता निष्क्रिय हो जाता है। खाते को चालू रखने के लिए खाते को नियमित बचत खाते में बदलना होगा।

एटीएम डेबिट कार्ड: एक सामान्य बचत खाते की तरह ही अधिकांश बैंक बच्चे के बचत खाते के साथ एटीएम और डेबिट कार्ड देते हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से कुछ बैंक बच्चे की तस्वीर के साथ डेबिट कार्ड भी जारी करते हैं या कार्ड पर माता-पिता या बच्चे का नाम होता है।

फंड ट्रांसफर: ज्यादातर बैंक केवल इंटर-बैंक फंड ट्रांसफर / NEFT की ही अनुमति देते हैं। माता-पिता/अभिभावक को यह देखने की जरूरत है कि यह ऑटो डेबिट विकल्प है और यह सुविधा कि माता-पिता के खाते से पैसा मामूली खाते में डेबिट किया जाता है।

खर्च करने की सीमा: माता-पिता/अभिभावक को डेली और वार्षिक अधिकतम खर्च सीमा के साथ-साथ निकासी सीमा पता होनी चाहिए। डेली अधिकतम खर्च और निकासी की सीमा बैंकों से बैंकों तक अलग-अलग होती है। बैंक पैसे के कुल मूल्य पर एक ऊपरी सीमा भी लगाते हैं जो एक बच्चे को वित्तीय वर्ष में खाते से खर्च कर सकते हैं। कुछ बैंक न्यूनतम औसत बैलेंस (एमएबी) रखने के लिए कहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.