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क्या रुईया फैमिली की नाटकीय एंट्री एस्सार स्टील को नीलाम होने से बचा पाएगी??

रुईया परिवार के कर्ज चुकाने के ऑफर को आर्सेलर मित्तल ने खारिज कर दिया है। मीडिया को जारी बयान में इस कंपनी ने कहा है कि कोई कंपनी कानूनन दीवालिया प्रक्रिया से एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट मंगाए जाने से पहले ही निकल सकती है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 09:55 AM (IST)
क्या रुईया फैमिली की नाटकीय एंट्री एस्सार स्टील को नीलाम होने से बचा पाएगी??

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नाटकीय घटनाक्रम के तहत नीलामी के कगार पर खड़ी एस्सार स्टील ने चौंकाते हुए बैंकों को कर्ज की पूरी राशि लौटाने का प्रस्ताव दिया है। आखिरी समय में प्रोमोटर रुईया फैमिली ने बैंकों समेत अन्य कर्जदारों को 54,389 करोड़ रुपये चुकाने की पेशकश करते हुए कंपनी को दीवाला प्रक्रिया से बाहर निकालने के लिए भी अर्जी दी है।

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कंपनी के प्रोमोटर्स ने कहा है कि वह बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए 47,507 करोड़ रुपये का अग्रिम नकद भुगतान भी करेंगे।

गौरतलब है कि कंपनी ने यह कोशिश वैसे समय में की है जब दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल 50 हजार करोड़ रुपये में इस कंपनी को खरीदने का प्रस्ताव दे चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एस्सार को कर्ज देने वाले बैंकों ने इस डील को स्वीकार करने का मन भी बना लिया है।

तो क्या रुइया परिवार अपनी इस कंपनी को नीलाम होने से बचा पाएंगे? इसे समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर एस्सार स्टील को नीलामी की प्रक्रिया से क्यों गुजरना पड़ रहा है?

क्या है मामला? गौरतलब है कि एस्सार स्टील उन 12 कंपनियों में शामिल रही है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दीवालिया कानून (आईबीसी कोड) के तहत सबसे पहले निपटारे का आदेश दिया था।

आरबीआई की इस सूची के बाद यह कंपनी दीवालिया प्रक्रिया में चली गई थी। आईबीसी की वेबसाइट पर मौजूद सूचना के मुताबिक कंपनी पर करीब 54,394 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।

आर्सेलर मित्तल के साथ न्यूमेटल जैसी कंपनियों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई और सबसे बड़ी बोली मित्तल ने लगाई। मित्तल ने कुल 50,000 करोड़ रुपये में इस कंपनी को खरीदने का प्रस्ताव रखा, जिसमें से 8000 करोड़ रुपये का निवेश कंपनी में किया जाना था।

बैंकों के बीच इस डील को स्वीकार किए जाने को लेकर मंगलवार को वोटिंग की शुरुआत हुई थी, जिसे बुधवार शाम 4 बजे खत्म होना था।

हालांकि उसी बीच कंपनी के प्रोमोटर्स रुईया परिवार ने एकमुश्त कर्ज चुकाने का प्रस्ताव देकर स्थिति को जटिल बना दिया है।

एस्सार स्टील की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘एस्सार स्टील के बोर्ड और शेयरहोल्डर्स ने कर्जदाताओं को कुल 54,389 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने दीवालिया प्रक्रिया से बाहर जाने की भी अर्जी दी है।’

क्या कामयाब हो जाएंगे रुईया! इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल नजर आता है। रुईया परिवार के कर्ज चुकाने के ऑफर को आर्सेलर मित्तल ने खारिज कर दिया है। मीडिया को जारी बयान में इस कंपनी ने कहा है कि कोई कंपनी कानूनन दीवालिया प्रक्रिया से एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट मंगाए जाने से पहले ही निकल सकती है।

कंपनी ने जारी बयान में कहा है, ‘एस्सार स्टील के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट अक्टूबर 2017 में मंगाए गए थे। आर्सेलर मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उत्तर गल्वा और केएसएस पेट्रन के बकाए का भुगतान भी कर दिया है। हमने एस्सार स्टील के भुगतान के लिए बैंक गारंटी भी दे रखी है। हम उम्मीद करते हैं कि आईबीसी के नियमों के मुताबिक प्रक्रिया चलती रहेगी।’

विशेषज्ञों की माने तो सभी कर्जदाताओं के कर्ज भुगतान का प्रस्ताव एस्सार स्टील के पक्ष में जा सकता है लेकिन देर से की गई कोशिश उसकी इस राह में रोड़ बन सकती है। इतना ही नहीं आर्सेलर मित्तल की तरफ से कर्ज की कुछ रकम का भुगतान किए जाने के बाद एस्सार को दीवालिया होने से बचाना आसान नहीं होगा।


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