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संभावना बनी तो और निवेश करेगी वालमार्ट, टैक्स अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे: डग मैकमिलन

वालमार्ट इंक के प्रेसिडेंट और सीईओ डग मैकमिलन का कहना है कि फिलहाल उनका फोकस फ्लिपकार्ट पर होगा

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 11:22 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 11:56 AM (IST)
संभावना बनी तो और निवेश करेगी वालमार्ट, टैक्स अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे: डग मैकमिलन

नई दिल्ली (नितिन प्रधान)। फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण पर 16 अरब डॉलर का (करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये) निवेश करने के बाद कारोबार के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वालमार्ट भविष्य में संभावनाएं बनने पर भारत में और निवेश करना चाहेगी। हालांकि वालमार्ट इंक के प्रेसिडेंट और सीईओ डग मैकमिलन का कहना है कि फिलहाल उनका फोकस फ्लिपकार्ट पर होगा। सौदे के बाद टैक्स की देनदारी तय होने का जहां तक सवाल है, मैकमिलन का कहना है कि टैक्स अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी नियमों का पालन हो।

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बुधवार को ही रिटेल सेक्टर की दुनिया की महारथी कही जाने वाली वालमार्ट ने ई-कॉमर्स बाजार की सबसे बड़ी भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी। फ्लिपकार्ट के जरिये भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश करने के बाद वालमार्ट का सीधा मुकाबला अमेरिका की ही कंपनी अमेजन से होगा। अमेरिकी बाजार में भी उसकी अमेजन से कड़ी प्रतिस्पर्धा है।

वालमार्ट-फ्लिपकार्ट प्रबंधन टीम की चुनिंदा पत्रकारों के साथ हुई मुलाकात में डग मैकमिलन ने कहा कि भारत के लिए यह सौदा काफी लाभदायक साबित होगा। इससे न केवल आने वाले समय में नौकरियों की संख्या में वृद्धि होगी बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादों की खरीद में भी वृद्धि होगी। मैकमिलन के अतिरिक्त इस मुलाकात में फ्लिपकार्ट के बिन्नी बंसल, कल्याण कृष्णमूर्ति और वालमार्ट इंडिया के कृष अय्यर भी मौजूद थे।

लोकल ब्रांडों को तरजीह

फ्लिपकार्ट को लेकर अपनी कारोबारी रणनीति के बारे में बात करते हुए मैकमिलन ने कहा कि इस सौदे के बाद प्राइवेट ब्रांडों के आयात का विकल्प खुला है। इसके बावजूद फ्लिपकार्ट में स्थानीय ब्रांडों की हिस्सेदारी 90 फीसद ही रहेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि वालमार्ट के साथ आने के बावजूद स्थानीय उत्पादों की खरीद में कमी का फिलहाल वालमार्ट का इरादा नहीं है।

वालमार्ट इंडिया संग तालमेल

भारत में कैश एंड कैरी यानी थोक कारोबार कर रही वालमार्ट इंडिया और फ्लिपकार्ट के बीच तालमेल बनने की संभावनाओं पर दैनिक जागरण के सवाल पर बिन्नी बंसल ने कहा कि फिलहाल शार्ट टर्म में दोनों के बीच किसी तरह के समन्वय की संभावना नहीं है। इस दौरान कंपनी का पूरा फोकस ग्रोथ पर रहेगा। लंबी अवधि में दोनों कंपनियों के बीच किस तरह का तालमेल बनेगा, यह उसी वक्त तय होगा।

ग्रॉसरी कारोबार में संभावना

वालमार्ट को दुनिया भर में ग्रॉसरी कारोबार का दिग्गज माना जाता है। इस लिहाज से फ्लिपकार्ट में ग्रॉसरी बिजनेस की शुरुआत की संभावनाओं पर फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि ई-कॉमर्स में ग्रॉसरी के बिजनेस का मॉडल काफी जटिल है। वालमार्ट इस क्षेत्र में अग्रणी है। अब हम वालमार्ट के अनुभव का लाभ उठाएंगे। फिलहाल कुछ महीने पहले फ्लिपकार्ट ने बेंगलुरु में इसकी शुरुआत की है। अगले कुछ महीनों में हम कुछ और शहरों में भी इसका विस्तार कर सकते हैं।

बोर्ड में वालमार्ट का प्रतिनिधित्व:

प्रबंधन के लिहाज से फ्लिपकार्ट के संचालन के बारे में मैकमिलन ने कहा यह आगे भी बोर्ड द्वारा संचालित कंपनी के तौर पर काम करती रहेगी। वालमार्ट रिसोर्स सेंटर की तरह काम करेगी। हालांकि बदले हालात में फ्लिपकार्ट के बोर्ड में वालमार्ट के तीन प्रतिनिधियों को नामांकित किया गया है। इनमें वालमार्ट इंटरनेशनल के सीईओ जुडिथ मैक्कैन, वालमार्ट के संस्थापक सैम वाल्टन के पोते स्टुअर्ट वाल्टन और वालमार्ट कनाडा व एशिया के ईवीपी व रीजनल सीईओ डर्क वैन शामिल है।

क्या है वालमार्ट

अमेरिकी कंपनी वालमार्ट इंक दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है। इसका कारोबार 28 देशों में फैला है। 500 अरब डॉलर (करीब 335 लाख करोड़ रुपये) कारोबार वाली इस कंपनी के 65 सहयोगी कंपनियों के तहत 11,700 स्टोर हैं। रिटेल स्टोर के अलावा वह ऑनलाइन कारोबार में भी सक्रिय है। इसके साथ करीब 23 लाख कारोबारी जुड़े हैं।


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