ट्राई के चेयरमैन ने कहा- उपभोक्ताओं की चिंता करने वाले उद्योग-विरोधी नहीं
दूरसंचार नियामक संस्था ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ता-हितैषी होने का मतलब उद्योग का विरोधी होना नहीं होता है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। दूरसंचार नियामक संस्था ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ता-हितैषी होने का मतलब उद्योग का विरोधी होना नहीं होता है। उन्होंने कहा कि ट्राई अधिनियम में भी उपभोक्ता संरक्षण और दूरसंचार क्षेत्र की वृद्धि, दोनों के लिए समान उपायों पर जोर दिया गया है।
शर्मा ने कहा, ‘कुछ लोग मानते हैं कि यदि आप उपभोक्ता-हितैषी हैं तो उद्योग विरोधी होंगे। ऐसा मानना सच्चाई से परे है। यह एक पक्ष का लाभ और दूसरे पक्ष की हानि नहीं है। लोगों को यह समझना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ट्राई अधिनियम के तहत नियामक का दायित्व बनता है कि वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, उपभोक्ता संरक्षण और उद्योग जगत की वृद्घि सुनिश्चित करे। ट्राई प्रमुख के तौर पर शर्मा का कार्यकाल गुरुवार को पूरा हो रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान टर्मिनेशन शुल्क, बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य पर नीति आदि जैसे कई मुद्दों पर उद्योग जगत में विवाद खड़ा हुआ।
शर्मा ने कहा कि ऑपरेटरों की संख्या घटने, डाटा की बेइंतहा आपूर्ति और जबरदस्त स्पर्धा के चलते टेलीकॉम सेक्टर बड़े बदलावों से गुजरा है। उन्होंने यह भी कहा कि सेवा की गुणवत्ता बहुत बड़ी समस्या है और दुर्भाग्य से यह अभी भी बरकरार है। ट्राई इन समस्याओं के समाधान के लिए नियमों के तहत अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता रहा है। शर्मा ने कहा कि अनचाही कॉल्स की समस्या दूर करने के लिए कंपनियों को पर्याप्त समय दिया गया।