नीति आयोग के उपाध्यक्ष बोले: बढ़ता व्यापार घाटा रुपये की गिरावट से ज्यादा चिंताजनक
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से ज्यादा चिंताजनक व्यापार घाटे में बढ़ोतरी है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से ज्यादा चिंताजनक व्यापार घाटे में बढ़ोतरी है। व्यापार घाटा पाटने के लिए निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
उद्योग संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम में राजीव कुमार ने कहा कि वह रुपये में मजबूती के पक्ष में नहीं हैं। रुपये का एक्सचेंज रेट सामान्य रूप से तय होना चाहिए। कुछ देश जानबूझकर अपनी करेंसी का अवमूल्यन करते हैं, यह गलत है। भारत के लिए रुपये को मजबूत करने के लिए प्रयास करना बहुत कठिन है। मजबूत रुपये से कुछ क्षेत्रों में फायदा मिलता है। लेकिन ऐसे फायदों को पीछे छोड़ देना चाहिए। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 अगस्त को 70.40 का सर्वकालिक निचला स्तर छू गया था। उस दिन रुपया 70.16 के स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार को रुपये का एक्सचेंज रेट 69.82 के स्तर पर रहा।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि आर्थिक नीतियों का फोकस सिर्फ राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने पर नहीं होना चाहिए। अमेरिका, चीन और यूरोपियन यूनियन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस पहलू को ज्यादा अहमियत नहीं देती हैं। हमें भी अमेरिका, चीन और यूरोपियन यूनियन की तरह सिर्फ राजकोषीय घाटे पर ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। जब कोई भी देश इस पर गौर नहीं करता है तो हमें भी अपनी जरूरत के अनुसार नीतियां बनानी चाहिए।
कुमार ने कहा कि जब देश में निजी निवेश कम है तो मांग बढ़ाने के लिए सार्वजनिक व्यय बढ़ाना जरूरी है। निर्यात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ता व्यापार घाटा ज्यादा गंभीर चुनौती है। हमें निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।