फ्लिपकार्ट के शेयर वालमार्ट को बेचने को सॉफ्टबैंक राजी
वालमार्ट ने नौ मार्च को फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर (1.05 लाख करोड़ रुपये) में खरीदने की घोषणा की थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जापान की टेक्नोलॉजी कंपनी सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में अपनी समूची 20 फीसद हिस्सेदारी अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट को चार अरब डॉलर (करीब 26000 करोड़ रुपये) में बेचने का फैसला किया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी वालमार्ट को बेचने की पुष्टि कर दी है। प्रवक्ता ने इस सौदे की कीमत और विवरण देने से इन्कार कर दिया लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे सॉफ्टबैंक को सौदे से करीब चार अरब डॉलर मिलेंगे। वालमार्ट ने नौ मार्च को फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर (1.05 लाख करोड़ रुपये) में खरीदने की घोषणा की थी। बड़े शेयरधारकों में से नैस्पर्स, वेंचर फंड एक्सेल पार्टनर्स और ईबे ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की सहमति दे दी थी लेकिन सॉफ्टबैंक ने कोई फैसला नहीं किया था। सॉफ्टबैंक ने इस बारे में निर्णय करने में ज्यादा समय लिया ताकि टैक्स समेत कई पहलुओं पर गौर किया जा सके। वह इस बिंदु पर खासतौर पर गौर कर रही थी कि उसे शेयर बिक्री से होने वाले लाभ पर कितना टैक्स भरना होगा। गौरतलब है कि साफ्टबैंक ने पिछले साल ही फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया था।
वालमार्ट-फ्लिपकार्ट डील के खिलाफ कैट ने सीसीआई में की अपील
हालिया वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ व्यापारी संगठन लामबंद होने लगे हैं। ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन (एआइओवीए) ने फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीसीआइ में चुनौती दी है। संगठन ने कहा है कि कंपनी फ्लिपकार्ट के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपनी मजबूत स्थिति का बेजा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) में चुनौती देने का फैसला किया है। संगठन का कहना है कि सौदे से कारोबार में गैर-बराबरी का माहौल पैदा होगा, और बड़े पैमाने पर नौकरियां जाएंगी। हालांकि फ्लिपकार्ट ने इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है।