डॉलर के मुकाबले 74 के पार गया रुपया, बाजार में मची तबाही- निवेशकों के करीब 4 लाख करोड़ रुपये डूबे
बाजार में लगातार तीसरे दिन हुई बिकवाली की वजह से निवेशकों आज करीब 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
By Abhishek ParasharEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 04:39 PM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रुपये के 74 का आंकड़ा पार करने के बाद शेयर बाजार में कोहराम मच गया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 900 से अधिक अंकों का गोता लगाते हुए 35,000 के नीचे जा पहुंचा। सेंसेक्स आखिर में 792 अंक टूटकर 34,376.99 पर बंद हुआ वहीं 50 शेयरों वाला नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स निफ्टी में 3 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।
निफ्टी 10,316 पर बंद हुआ।
शुक्रवार को बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी, जो बाद में और बड़ी हो गई। सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन आई यह बड़ी गिरावट है। इससे पहले बुधवार को सेंसेक्स 550 अंक और गुरुवार को 800 अंक टूटकर बंद हुआ था।
आरबीआई के फैसले के बाद 74 के पार रुपया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने के बाद शुक्रवार दोपहर बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 74 के स्तर से नीचे लुढ़क गया। आरबीआई के मौद्रिक समीक्षा नीति के ऐलान के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के स्तर से नीचे लुढ़क गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले 73.64 के स्तर पर खुला था।
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और रुपये में आई रही कमजोरी की वजह से महंगाई बढ़ने की तेज होती आशंका के बीच बाजार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद थी।
आरबीआई ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं करते हुए रेपो दर को 6.5 फीसदी पर, जबकि रिवर्स रेपो दर को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है।
निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपये डूबे बाजार में लगातार तीसरे दिन हुई बिकवाली की वजह से निवेशकों आज करीब 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गुरुवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 14031572.57 करोड़ रुपये था जो शुक्रवार को कम होकर 1,36,49,253.52 करोड़ रुपये हो गया।
इससे पहले भी दो कारोबारी सेशन में निवेशकों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा था। गुरुवार को आई इस गिरावट से निवेशकों को करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं बुधवार को बाजार में मचे कोहराम से निवेशकों को करीब 1.79 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
तेल कंपनियों के शेयरों की पिटाई बाजार में आई गिरावट की वजह तेल कंपनियों के शेयरों की जबरदस्त पिटाई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2.50 रुपये लीटर राहत दिए जाने के ऐलान पर बाजार ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
मोदी सरकार के इस फैसले से तेल कंपनियों के शेयर बेहाल नजर आ रहे हैं। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स जबरदस्त बिकवाली के दबाव में नजर आ रहा है और ओएमसी (तेल विपणन कंपनियां) के शेयर 26 फीसद तक टूट गए।
सबसे ज्यादा नुकसान बीपीसीएल (करीब 21 फीसद), इंडियन ऑयल (करीब 14 फीसद), ओएनजीसी (करीब 14 फीसद) में आई है। यह तीनों सरकारी कंपनियां हैं। गोल्डमैन सैक्स और सिटी ग्रुप ने सरकारी तेल कंपनियों की रेटिंग में कटौती कर दी है। सिटी ग्रुप ने बीपीसीएल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) पर बिकवाली की सलाह दी है जबकि गोल्डमैन सैक्स ने बीपीसीएल और एचपीसीएल पर बिकवाली की सलाह दी है।
गौरतलब है कि गुरुवार देर शाम वित्त मंत्री ने तेल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की राहत का ऐलान किया था और इसमें से 1.5 रुपये प्रति लीटर केंद्रीय एक्साइज में की गई कटौती थी जबकि एक रुपये प्रति लीटर का भार तेल कंपनियों को वहन करना है।
केंद्र ने वैसे समय में आम लोगों को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दी है जब अंतरराष्ट्री बाजार में तेल की कीमतें पिछले चार सालों के उच्चतम स्तर पर है। कच्चे तेल की कीमतें 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर चुकी है।
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