रुपया सुधरकर डॉलर के मुकाबले 68.25 पर आया, जानिए इसके मायने
मई महीने की बात की जाए तो इस महीने रुपये का निचला स्तर 67.20 और उच्चतम स्तर 69.40 का रह सकता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शुक्रवार के कारोबार में रुपया 14 पैसे मजबूत होकर 68.20 पर खुला, हालांकि दिन के करीब 11 बजे डॉलर के मुकाबले रुपया 68.25 पर कारोबार करता देखा गया। गुरुवार को रुपया 68.34 पर बंद हुआ था। यानी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन में रुपये ने मजबूती दिखाई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 15 मई 2018 को रुपये ने 68 का स्तर पार कर लिया था। इस दिन 67.79 पर खुला रुपया 56 पैसे टूटकर 68.07 पर बंद हुआ। यह रुपये का 16 महीने का निचला स्तर था। विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल तिमाही के दौरान ही रुपया डॉलर के मुकाबले 70 के स्तर को पार कर सकता है।
कहां तक टूट सकता है भारतीय रुपया?
अजय केडिया ने बताया कि अगर सिर्फ मई महीने की बात की जाए तो इस महीने रुपये का निचला स्तर 67.20 और उच्चतम स्तर 69.40 का रह सकता है, यानी इस महीने रुपये के 70 का लेवल पार करने की संभावनाएं कम हैं। हालांकि अगर अप्रैल तिमाही की बात की जाए तो इस तिमाही में रुपये का निचला स्तर 66.40 का और उच्चतम स्तर 70.20 का रह सकता है।
जानिए रुपए की मजबूती से आम आदमी को कौन से 4 बड़े फायदे होंगे-
सस्ता होगा विदेश घूमना: रुपए के मजबूत होने से वो लोग खुश हो सकते हैं जिन्हें विदेश की सैर करना काफी भाता है। क्योंकि अब रुपए के मजबूत होने से आपको हवाई किराए के लिए पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको कम भारतीय रुपए खर्च करने होंगे।
विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी सस्ती: अगर आपके बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं तो रुपए का मजबूत होना आपके लिए एक अच्छी खबर है। क्योंकि अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे भेजने होंगे। मान लीजिए अगर आपका बच्चा अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है, तो अभी तक आपको डॉलर के हिसाब से ही भारतीय रुपए भेजने पड़ते थे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आप ज्यादा रुपए भेजते थे, लेकिन अब आपको डॉलर के कमजोर (रुपए के मजबूत) होने से कम रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को राहत दे सकती है।
क्रूड ऑयल होगा सस्ता तो थमेगी महंगाई: डॉलर के कमजोर होने से क्रूड ऑयल सस्ता हो सकता है। यानी जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) कम रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल सस्ता होगा तो सीधे तौर पर महंगाई थमने की संभावना बढ़ेगी। आम उपभोक्ताओं के खाने-पीने और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति परिवहन माध्यम से की जाती है, इसलिए महंगाई थम सकती है।
डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट सस्ते हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी सस्ता हो जाएगा। यानी यह भी भारत के लिए एक राहत भरी खबर है।