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वॉल स्ट्रीट पर कोहराम से दलाल पथ हुआ धड़ाम, सेंसेक्स 344 अंक टूटकर 33,690 पर हुआ बंद

आईएलएंडएफएस संकट के बाद भारतीय शेयर बाजार की चाल बिगड़ी हुई है। इस संकट के बाद से सेंसेक्स में अब तक 6 फीसद से अधिक तक टूट चुका है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 03:52 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 03:52 PM (IST)
वॉल स्ट्रीट पर कोहराम से दलाल पथ हुआ धड़ाम, सेंसेक्स 344 अंक टूटकर 33,690 पर हुआ बंद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वैश्विक बाजार में हुई बिकवाली का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा। चौतरफा बिकवाली के दबाव में गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स कारोबार के शुरुआत में 400 से अधिक अंकों का गोता लगा गया। 

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हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से बाजार को थोड़ा सपोर्ट मिला और सेंसेक्स 343.87 अकों की गिरावट के साथ 33.609.09 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा तेजी विप्रो, कोल इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और आईटीसी के शेयरों में रही। जबकि भारती एयरटेल, सन फार्मा और वेदांत के शेयर नुकसान में रहे।

वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी बिकवाली के दबाव को झेल नहीं पाया। निफ्टी 10,150 के सपोर्ट लेवल से नीचे जाकर 10,124.90 पर बंद हुआ। निफ्टी में 14 शेयर हरे निशान में जबकि 35 शेयर लाल निशान में बंद हुए।

अमेरिकी बाजार हुए धड़ाम दरअसल एशियाई बाजारों में आई गिरावट की वजह वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी शेयर बाजार) में हुई जबरदस्त बिकवाली रही। डाऊ जोंस में बुधवार को 600 से अधिक अंकों की भारी गिरावट आई। अमेरिकी शेयर बाजार में आई यह गिरावट 2011 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।

बुधवार को हुई बिकवाली के बाद अमेरिकी शेयर बाजार 2018 की अब तक की सारी बढ़त गंवा चुका है।

तेल से मामूली सपोर्ट इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से बाजार को राहत नहीं मिल रही है। बुधवार को कच्चे तेल की कीमत कम होकर 75.48 डॉलर प्रति बैरल हो गई। गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमत में यह गिरावट 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर जाने के बाद आई है, जो पिछले चार सालों में आई सबसे बड़ी उछाल थी।

तेल की कीमतों में हुई लगातार बढ़ोतरी ने रुपये पर जबरदस्त दबाव बनाया और वह 74 के स्तर को पार कर गया। रुपये की कमजोर सेहत की वजह से चालू खाता घाटे को लेकर चिंता की स्थिति बन रही थी, जिसका दबाव बाजार पर भी दिख रहा था। हालांकि अब कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की वजह से रुपया डॉलर के मुकाबले स्थिर बना हुआ है।

गौरतलब है कि आईएलएंडएफएस संकट के बाद भारतीय शेयर बाजार की चाल बिगड़ी हुई है। इस संकट के बाद से सेंसेक्स में अब तक 6 फीसद से अधिक तक टूट चुका है।

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