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FY18 की चौथी तिमाही में आरकॉम का घाटा बढ़कर 6883 करोड़ रुपये पर पहुंचा

नियामकीय फाइलिंग में कंपनी ने जानकारी दी है कि पिछले साल समान अवधि में कंपनी का कुल घाटा 94 करोड़ रुपये रहा था

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 12:43 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 12:43 PM (IST)
FY18 की चौथी तिमाही में आरकॉम का घाटा बढ़कर 6883 करोड़ रुपये पर पहुंचा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन्स का घाटा वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में के दौरान बढ़कर 6883 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी को यह नुकसान इम्पेमेंट चार्जेज की वजह से हुआ है। नियामकीय फाइलिंग में कंपनी ने जानकारी दी है कि पिछले साल समान अवधि में कंपनी का कुल घाटा 94 करोड़ रुपये रहा था।

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वहीं इस दौरान कंपनी की आय घटकर इस तिमाही 407 करोड़ रुपए रही है जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 852 करोड़ रुपए रही थी। इसके अलावा 31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में कंपनी को पिछले साल 1797 करोड़ रुपए के मुकाबले 9867 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

NCLAT ने दी अनिल अंबानी को राहत, बड़े भाई को बेच सकेंगे अपना कारोबार

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) ने अनिल अंबानी नियंत्रित आरकॉम को बड़ी राहत देते हुए दो सहायक शाखाओं रिलायंस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम समेत उसकी दिवालियापन प्रक्रिया पर सशर्त रोक लगा दी है। आरकॉम को अपनी संपत्ति मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस जियो के हाथों बेचने की भी इजाजत दे दी गई है।

इसके लिए ट्रिब्यूनल ने आरकॉम को पहली जून से 120 दिनों के भीतर एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है। एनक्लैट ने कहा है कि अगर कंपनी यह भुगतान करने में विफल रहती है, तो उसके खिलाफ दिवालियापन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे दिया जाएगा।

एनक्लैट के इस फैसले के बाद आरकॉम को रिलायंस जियो के हाथों संपत्ति बेचकर 25,000 करोड़ रुपये जुटाने का रास्ता खुल गया है। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने आरकॉम के चेयरमैन और एमडी को इस बारे में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।


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