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RBI ने बढ़ाई सख्ती, जांच के दौरान ऑडिट में खामी मिलने पर होगी कार्रवाई

नए नियमों के तहत ऑडिट प्रक्रिया में किसी तरह की खामी पाए जाने पर वैधानिक ऑडिटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 05 Jul 2018 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 10:57 AM (IST)
RBI ने बढ़ाई सख्ती, जांच के दौरान ऑडिट में खामी मिलने पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बैंकों में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने और कड़ाई का फैसला किया है। इस दिशा में कदम उठाते हुए केंद्रीय बैंक ने बैंकों के वैधानिक ऑडिटरों से जुड़े नियमों को सख्त किया है। ऑडिट संतोषजनक नहीं पाए जाने पर तय समय तक उनकी नियुक्ति रद करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

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रिजर्व बैंक ने कुछ दिन पहले ही इस तरह के कदम उठाने की चेतावनी दी थी। नए नियमों के तहत ऑडिट प्रक्रिया में किसी तरह की खामी पाए जाने पर वैधानिक ऑडिटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अंतर्गत बैंकों की वित्तीय स्थिति को लेकर गलत स्टेटमेंट तैयार करने या ऑडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी देने जैसे मामले शामिल होंगे। नियमों के मुताबिक, ‘रिजर्व बैंक की जांच और बैंक के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में एसेट क्लासिफिकेशन व प्रोविजनिंग में अंतर मिलने पर ऑडिटर पर कार्रवाई की जाएगी।’

पिछले हफ्ते एक सकरुलर में रिजर्व बैंक ने कहा था कि ऑडिट की गुणवत्ता सुधारने और वैधानिक ऑडिटरों की जवाबदेही तय करने की पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए प्रवर्तन कार्रवाई का फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि बैंक के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में बाजार का भरोसा मजबूत करने वाले गुणवत्तापूर्ण ऑडिट से बैंकों की वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही बैंकों पर रिजर्व बैंक की निगरानी में भी इसकी अहम भूमिका रहती है। सकरुलर के मुताबिक, यदि किसी वैधानिक ऑडिटर द्वारा किए गए ऑडिट की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं मिली तो उन्हें निश्चित अवधि तक बैंकों के ऑडिट की अनुमति नहीं मिलेगी। अन्य नियामकों, सरकारी एजेंसियों या प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रतिबंधित ऑडिटरों को भी बैंकों के ऑडिट की मंजूरी नहीं दी जाएगी।

ध्यान देने की बात है कि हाल में बोर्ड द्वारा मंजूर नियमों के उल्लंघन के मामलों में विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों ने छह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वर्तमान और पूर्व सीएमडी, एमडी और सीईओ को गिरफ्तार किया है। निजी क्षेत्र के आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर भी वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन के मामले में आरोपों का सामना कर रही हैं। बैंक ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है। नियमों का उल्लंघन कर दिए गए इस तरह के सभी कर्ज आखिरकार एनपीए में बदले हैं। ऐसी घटनाओं के चलते ही बैंकिंग सेक्टर का एनपीए कुल लोन के 11 फीसद के ऊपर पहुंच गया है।

60 निश्चित शाखाओं से ही बड़े लोन मंजूर करेगा पीएनबी  

कर्ज में धांधली के मामलों से निपटने के लिए पंजाब नेशनल बैंक ने बड़ा कदम उठाया है। बैंक ने तय किया है कि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज विशेषरूप से तय 60 महत्वपूर्ण शाखाओं (एसआइबी) से ही दिए जाएंगे। इस कदम से बड़े खातों की निगरानी आसान हो सकेगी। बैंक देशभर में ऐसी शाखाएं तैयार करेगा और बड़े खातों को वहां स्थानांतरित करेगा। बैंक को मुंबई की ब्राडी हाउस शाखा में अधिकारियों की मिलीभगत से हुए घोटाले के कारण 13,500 करोड़ रुपये की चपत लगी थी। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने जाली लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिये घोटाले को अंजाम दिया था। पीएनबी संकट से उबरने का प्रयास कर रहा है।

एनपीए पर बैंक प्रमुखों से आज चर्चा करेंगे पीयूष गोयल

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल गुरुवार को बैंक प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान बैंकों के फंसे कर्जो यानी एनपीए के तेज रिजॉल्यूशन को लेकर ‘प्रोजेक्ट सशक्त’ के तहत प्रस्तावित सुझावों पर विमर्श होगा। इसमें इंटर-क्रेडिटर एग्रीमेंट स्ट्रक्चर पर फैसले की उम्मीद है। यह एग्रीमेंट उस फ्रेमवर्क की तरह काम करेगा, जिसके तहत कंसोर्टियम एनपीए के मामले निपटाएगा। बैठक का आयोजन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन कर रहा है।


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