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RBI की MPC बैठक आज से शुरू, पढ़िए नीतिगत ब्याज दरों में इजाफे पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डीबीएस की अर्थशास्त्री राधिका राव ने बताया कि उन्हें वित्त वर्ष 2018-19 में नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट के और इजाफे की उम्मीद है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 11:16 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 11:19 AM (IST)
RBI की MPC बैठक आज से शुरू, पढ़िए नीतिगत ब्याज दरों में इजाफे पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में रेपो रेट को 6.25 फीसद पर अपरिवर्तित रखने का फैसला कर सकता है। आरबीआई की यह बैठक आज से शुरू हो चुकी है और इसका फैसला 1 अगस्त को सामने आएगा।

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एडेलवाइस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, नरम होती मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास नीति निर्माताओं को नीतिगत ब्याज दरों में एक और इजाफे का सुझाव नहीं देता है। हालांकि मूल मुद्रास्फीति अपने चरम पर है लेकिन अगले 12 महीने में इसके नरम होने की उम्मीद है, क्योंकि आर्थिक गतिविधियां सुधरीं हैं, इसमें जीएसटी और नोटबंदी की बाधाओं के साथ-साथ सुधार हुआ है।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया, “हमें लगता है कि यह निष्कर्ष निकालना बहुत जल्दबाजी होगी कि रिकवरी बेहतर रही है। उस हद तक शायद मॉनीटरी पॉलिसी में किसी और सख्ती का मामला नहीं बनता है।” इसके अलावा, जैसा कि बाहरी परिस्थितियां बिगड़ी हैं, इसने विकास के सापेक्ष मैक्रो स्थिरता को प्राथमिकता बना दिया है।

एडेलवाइस सिक्योरिटीज के रिसर्च नोट में कहा गया, “आगामी मौद्रिक समीक्षा नीति में, हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई अपना रुख तटस्थ रखेगा जबकि नीतिगत ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा।”

खुदरा महंगाई अनुमान:

जून महीने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने खुदरा महंगाई अनुमान को 0.30 फीसद बढ़ा दिया था और पॉलिसी रुख को नकारात्मक जोन में रखा था। हालांकि इसने प्रमुख ब्याज दरों में 0.25 फीसद का इजाफा कर इसे 6.25 फीसद कर दिया था।  

क्या कहते हैं एक्सपर्ट:

सीआईओ (डेट) एंड हेड प्रोडक्ट्स कोटक म्युचुअल फंड के लक्ष्मी अय्यर ने बताया कि अगस्त की एमपीसी बैठक में एक करीबी फैसला लिया जा सकता है। जून में सीपीआई आधारित महंगाई दर उम्मीद से कम थी। कच्चे तेल की कीमतें काफी हद तक सीमा में थीं। अय्यर ने कहा, “वैश्विक व्यापार युद्ध कैसे सामने आता है इसको लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे परिदृश्य में एमपीसी वेट एंड वॉच के रुख को अपना सकती और किसी भी कार्यवाही से पहले और डेटा का इंतजार कर सकती है। ऐसी कोई तात्कालिता नहीं हो सकती है कि पॉलिसी रुख तटस्थ होने पर एक के बाद एक लगातार दरों में इजाफा हो।”

ग्लोबल फाइनेंस सर्विस कंपनी डीबीएस की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि आरबीआई की अगस्त में होने वाली आगामी बैठक में ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद है। डीबीएस की अर्थशास्त्री राधिका राव ने बताया, “हम अगस्त में होने वाली बैठक के साथ वित्त वर्ष 2018-19 में नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट के और इजाफे की उम्मीद कर रहे हैं।”

गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है और 1 तारीख को फैसला होगा कि नीतिगत ब्याज दरों में और इजाफा होगा या नहीं।  


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