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हैक नहीं हो सकता आधार का बायोमेट्रिक्स डाटा: रविशंकर प्रसाद

आधार प्राधिकारी हर सेकेंड करीब एक करोड़ प्रमाणीकरण करते हैं, 80 करोड़ बैंक खाते आधार से जुड़े हुए हैं।

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 10:29 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 10:29 AM (IST)
हैक नहीं हो सकता आधार का बायोमेट्रिक्स डाटा: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि अगर कोई अरबों बार कोशिश करे तो भी आधार का बायोमेट्रिक्स डाटा हैक नहीं कर सकता। डाटा स्टोर की व्यवस्था को संसदीय मंजूरी से पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत बनाया गया है।

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एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रविशंकर ने कहा, ‘यह इतना कठिन है कि अगर मैं (राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले को छोड़कर) भी किसी के फिंगरप्रिंट और इरिस स्कैन की जानकारी सार्वजनिक कर दूं तो मुझ पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है।’ उन्होंने बताया कि आधार प्राधिकारी हर सेकेंड करीब एक करोड़ प्रमाणीकरण करते हैं। 80 करोड़ बैंक खाते आधार से जुड़े हुए हैं। आधार एक डॉलर प्रति व्यक्ति की लागत से स्वदेशी प्रौद्योगिकी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की मंशा डिजिटल क्रांति का अगुआ बनने की है। भारत ने लाइसेंस-कोटा राज के चलते 60, 70 और 80 के दशक में दुनिया में हुईं औद्योगिक व उद्यम क्रांति का मौका गंवा दिया, लेकिन भारत डिजिटल क्रांति का मौका नहीं गंवाना चाहता। भारत इसमें अग्रणी बनना चाहता है। यही ‘डिजिटल इंडिया’ का दर्शन है। ‘डिजिटल इंडिया’ का मकसद डिजिटल तकनीक के जानकारों और डिजिटल तकनीक की जानकारी नहीं रखने वालों के बीच की खाई को पाटना है।

डाटा चोरी के मामले में फेसबुक के जवाब को साझा नहीं करेगी सरकार

लंदन की कैम्ब्रिज एनालिटिका के वैश्विक डाटा में सेंध लगाने के घोटाले पर अमेरिकी सोशल नेटवर्किग कंपनी फेसबुक के जवाब को भारत सरकार ने सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार का कहना है कि कंपनियों ने विश्वास में लेकर जानकारियां साझा की हैं।

आरटीआइ की एक याचिका का जवाब देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रलय ने कहा है कि कंपनियों का जवाब साझा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कंपनियों ने अपने पत्र में यह जानकारियां हमें विश्वास में लेकर दी हैं। उनके पत्र की जानकारियां गोपनीय हैं और उनका इस्तेमाल केवल प्रशासनिक कामकाज के लिए है।

उल्लेखनीय है कि आरटीआइ की याचिका में फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिका से मंत्रलय को मिले जवाब के बारे में पूछा गया था। मालूम हो कि फेसबुक ने अप्रैल में यह स्वीकार किया था कि भारत में करीब 5.62 लाख लोग डाटा चोरी के घोटाले से प्रभावित हुए हैं और यह काम ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने बिना किसी की सहमति के किया है।

गौरतलब है कि इस घोटाले पर फेसबुक ने भारत को सरकार को दिए जवाब में कहा है कि भारत में केवल 335 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। ऐसा उनके एक एप्लीकेशन को इंस्टाल करने के दौरान हुआ है, जबकि 5,62,120 लोग संभवत: उन यूजर्स के फ्रेंड होने के कारण प्रभावित हुए हैं। भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं।


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