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भारत को डिजिटल क्रांति में पिछड़ना नहीं चाहिए: रवि शंकर प्रसाद

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोडा जा रहा हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 11:54 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 11:54 AM (IST)
भारत को डिजिटल क्रांति में पिछड़ना नहीं चाहिए: रवि शंकर प्रसाद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत को डिजिटल क्रांति में पिछड़ना नहीं चाहिए जैसा कि उसने इंडस्ट्रियल और आन्त्रप्रेन्योर रेवोल्यूशन के संदर्भ में किया। साथ ही उसे इस क्षेत्र का अगुवा होना चाहिए। पणजी में गोवा के आईटी-डे समारोह में उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत के बुनियादी सिद्धांतों को उस समय रखा गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे।  

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उन्होंने कहा, “वो पिछले 25 सालों के आईटी-सेवी हैं। उन्होंने कहा था कि वो अगर सत्ता में आते हैं तो वो एक ऐसा भारत बनाएंगे जहां आईटी प्लस और आईटी आईटी के बराबर होंगे। इसका मतलब हुआ कि इंडिया के स्टार्टअप और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कल के भारत का निर्माण करेंगे।”

मंत्री ने कहा, “हम इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन में पिछड़ गए, हम आन्त्रप्रेन्योरियर रेवोल्यूशन में पिछड़ गए, जो कि 70 और 80 के दशक में हुए थे जिसकी वजह लाइसेंस परमिट कोटा राज था। लेकिन हम डिजिटल रेवोल्यूशन में पिछड़ना नहीं चाहते हैं।”  उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया सेवाओं की डिलीवरी को सुनिश्चित करेगा और लोगों का डिजिटल इनक्लूशन (समावेशन) से संपन्न और गैर संपन्न के बीच एक पुल का काम करेगा।

प्रसाद ने कहा, “हम ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ रहे हैं। एक लाख ग्राम पंचायतों को पहले से ही जोड़ा जा चुका है और बाकी को इस वर्ष के अंत तक जोड़ा जाना है।”


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