सार्वजनिक बैंकों को 87000 करोड़ का घाटा, PNB और IDBI बैंक की हालत सबसे ज्यादा खराब
इंडियन बैंक के 1,258.99 करोड़ रुपये और विजया बैंक के 727.02 करोड़ रुपये मुनाफे को घटा दें, तो पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों का शुद्ध घाटा 85,370 करोड़ रुपये रहा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फंसे कर्जो (एनपीए), घोटालों और घपलों की मार ङोल रहे सार्वजनिक बैंकों को इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के दौरान कुल 87,300 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बैंकों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ इंडियन बैंक और विजया बैंक मुनाफे में रहे, जबकि बाकी 19 बैंकों को घाटे का सामना करना पड़ा। इनमें पीएनबी और आइडीबीआइ बैंक की हालत सबसे ज्यादा खराब रही। आंकड़ों के मुताबिक इंडियन बैंक के 1,258.99 करोड़ रुपये और विजया बैंक के 727.02 करोड़ रुपये मुनाफे को घटा दें, तो पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों का शुद्ध घाटा 85,370 करोड़ रुपये रहा।
पिछले वित्त वर्ष घाटा उठाने के मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए घोटाले का दंश ङोल रहा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) 12,282.82 करोड़ रुपये के साथ सबसे आगे रहा। वहीं, आइडीबीआइ बैंक को 8,237.93 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा। घपलों और घोटालों के चलते ही पिछले वर्ष दिसंबर के आखिर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 8.31 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा जारी एनपीए संबंधित नए नियमों ने तात्कालिक तौर पर समस्या को और गंभीर बना दिया है। पिछले दिनों कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एनपीए की समस्या के समाधान के लिए एक असेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी के गठन पर सुझाव मांगे हैं।
इस महीने एक दर्जन एनपीए खातों की नीलामी करेगा एसबीआई
सबसे बड़े सार्वजनिक कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने कहा है कि वह इस महीने 12 एनपीए खातों की नीलामी करेगा। इससे बैंक को 1,325 करोड़ रुपये रिकवरी की उम्मीद है। एक सूचना में एसबीआइ ने कहा कि नीलामी ऑनलाइन माध्यम से 25 जून को होगी। इन खातों में अंकित मेटल एंड पावर लिमिटेड (690.08 करोड़ रुपये), मॉडर्न स्टील्स लिमिटेड (122.61 करोड़ रुपये), गुड हेल्थ एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड (109.14 करोड़ रुपये), अमित कॉटन्स प्राइवेट लिमिटेड (84.70 करोड़ रुपये), इंड-स्विफ्ट लिमिटेड (80.49 करोड़ रुपये), निखिल रिफाइनरीज (52.85 करोड़ रुपये) तथा भास्कर श्रची एलॉयज (51.48 करोड़ रुपये) समेत अन्य नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि बैंक का एनपीए पिछले वित्त वर्ष के आखिर में 1.11 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है।
पीएनबी को 8000 करोड़ रिकवरी की उम्मीद
इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) के तहत भूषण स्टील के सफल समाधान के बाद पीएनबी को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2018) के अंत तक 8,000 करोड़ रुपये रिकवरी की उम्मीद है। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि डिफॉल्टर्स से बकाया वसूली पर खास फोकस के चलते चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों (अप्रैल-मई) में रिकवरी का पिछले पूरे वित्त वर्ष (2017-18) के रिकवरी आंकड़े को पार कर गया है। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2017-18 में पीएनबी ने एनपीए मद से 5,617.55 करोड़ रुपये की रिकवरी की थी, जबकि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती दो महीनों में ही 6,000 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है।’ बैंक ने यह भी कहा कि उसने कई बैंकों को लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू), फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) और अन्य मदों में 6,586.11 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। एनपीए की रिकवरी के लिए बैंक ने 3,000 कर्मचारियों को परिचालन कार्यो से हटाकर कर्ज वसूली के काम में लगाया है।’