बदलेगा पोस्टमैन का नाम, घर तक डाक पहुंचाने वाले का नाम होगा ‘पोस्टपर्सन’
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने डाक विभाग से पोस्टमैन को पोस्टपर्सन का नाम देने की सिफारिश की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जब डिजिटल वर्ल्ड और इंटरनेट की इतनी सहज उपलब्धता नहीं थी तब लोगों के पास अपनों की जानकारी हासिल करने का एक मात्र जरिया चिट्ठी और पत्र ही हुआ करते थे। इन पत्रों तो डाकिया लाया करता था। वक्त के बदलाव के साथ अब यह डाकिया पोस्टपर्सन बनने जा रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने डाक विभाग से पोस्टमैन को पोस्टपर्सन का नाम देने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि डाक विभाग में पोस्टमैन और पोस्टवुमेन दोनों ही काम करते हैं ऐसे में इसे बदलने की जरूरत है। समिति ने इस बात पर सहमति दी कि डाकिया नाम लिंग की दृष्टि से निर्पेक्ष है।
डाक विभाग ने पैनल से कहा है, “पोस्टमैन का नाम बदलकर पोस्टपर्सन किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसने यह भी कहा है कि डाकिया शब्द लिंग की दृष्टि से निर्पेक्ष है।” भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अगुवाई वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने डाक विभाग से कहा कि वो लिंग निर्पेक्ष शब्द का इस्तेमाल करे और पोस्टमैन को पोस्टपर्सन का नाम दे।
इस संबंध में बीते दिन सदन में रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, “अनुदान मांगों की रिपोर्ट में समिति ने डाक विभाग में डिलीवरी कर्मियों के लिए नामांकन करने की आवश्यकता महसूस की है और सुझाव दिया है कि 'पोस्टमैन' को 'पोस्टपर्सन' कहा जाए।” समिति ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है कि शब्द 'डाकिया' लैंगिक रुप से तटस्थ है, लेकिन यह एक हिंदी शब्दावली है।