PNB घोटाला: निदेशकों के भविष्य पर अगले महीने फैसला करेगा बैंक
नीरव मोदी द्वारा किए घपले की भरपाई के लिए पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2018) में पीएनबी ने 6,586.11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नीरव मोदी घपला मामले में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) अपने आरोपित कार्यकारी निदेशकों (ईडी) और प्रबंध निदेशकों (एमडी) के बारे में अगले महीने फैसला करेगा। सूत्रों का कहना है कि पीएनबी के निदेशक बोर्ड की अगले महीने होने वाली बैठक में बैंक अपने दो निदेशकों केवी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण पर कार्रवाई और उनके भविष्य पर फैसले पर चर्चा कर सकता है। ये दोनों अधिकारी नीरव मोदी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा दाखिल आरोप पत्र में आरोपितों में शामिल हैं। सूत्रों का कहना था कि इलाहाबाद बैंक भी अपने अधिकारियों के भविष्य को लेकर जल्द फैसला कर सकता है।
नीरव मोदी मामले में सीबीआइ ने इस वर्ष मई में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें पीएनबी के दो अधिकारियों के नाम थे। उसके तुरंत बाद बैंक ने दोनों निदेशकों से सारे कार्यकारी अधिकार छीन लिए थे। वहीं, आरोप पत्र में सीबीआइ ने पीएनबी की पूर्व प्रमुख और इलाहाबाद बैंक की तत्कालीन एमडी और सीईओ उषा अनंतसुब्रमण्यम की कथित भूमिका पर विस्तार से जिक्र किया था। उसके तुरंत बाद इलाहाबाद बैंक ने अनंतसुब्रमण्यम से सारे कार्यकारी अधिकार वापस ले लिए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकारियों पर लगे आरोप अपराध की मंशा के नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं करने के हैं। लिहाजा दोनों बैंक अपने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई का फैसला करते वक्त इस पहलू को जरूर ध्यान में रखेंगे।
उल्लेखनीय यह भी है कि आरबीआइ ने धोखाधड़ी रोकने के लिए सभी बैंकों को 30 नवंबर, 2016 को एक ई-मेल भेजा था। लेकिन आंतरिक रिपोर्ट में बैंक ने कहा था कि उसे बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने के लिए जोखिम नियंत्रण तंत्र को मजबूती देने संबंधी आरबीआइ का ई-मेल नहीं मिला है।
गौरतलब है कि नीरव मोदी द्वारा किए घपले की भरपाई के लिए पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2018) में पीएनबी ने 6,586.11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। बाकी रकम का प्रावधान बैंक चालू वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में करेगा।