PNB कर रहा है भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्रवाई
PNB ने अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और एसेट क्वालिटी से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। क्रेडिट रिस्क कम करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने लोन मंजूरी और निगरानी व्यवस्था को अलग-अलग करने का फैसला किया है। साथ ही, बैंक ने भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात भी कही है।
मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में बैंक ने कहा, ‘सीबीएस में निगरानी के लिए टेक्नोलॉजी आधारित ऑफसाइट ऑडिट व्यवस्था शुरू हो गई है। लोन मंजूरी और निगरानी की व्यवस्था को अलग कर दिया गया है।’ बैंक ने ऑपरेशनल रिस्क और क्रेडिट रिस्क कम करने के लिए कई अन्य इकाइयों का गठन भी किया है। बैंक ने अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और एसेट क्वालिटी से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए लगातार प्रयास जारी रखने की बात भी कही है। रिपोर्ट में कहा गया कि धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक की मुंबई स्थित ब्राडी हाउस शाखा के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। घोटाले को जाली लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेट लेटर ऑफ क्रेडिट्स (एफएलसी) के जरिये अंजाम दिया गया था। फंसे कर्जो यानी एनपीए और अन्य मद में भारी-भरकम प्रावधान के चलते मार्च, 2018 में समाप्त हुई तिमाही में बैंक को रिकॉर्ड 12,283 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
पीएनबी के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, ‘चुनौतीपूर्ण साल रहने के बावजूद 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में बैंक ने घरेलू बाजार में 10 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर लिया।’ उन्होंने नए दिवालिया कानून से बैंकों के एनपीए की समस्या सुलझने की उम्मीद भी जताई।