अटल पेंशन योजना के अंतर्गत फंडिंग जरूरतों के आकलन के लिए 'मुंशी जी' की सेवाएं लेगा PFRDA
अटल पेंशन योजना को मई 2015 में लॉन्च किया गया था और इस स्कीम का फायदा 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक की उम्र के सब्सक्राइबर्स ले सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अब मुंशियों की सेवाए लेगा ताकि अटल पेंशन योजना (एवाईपी) के तहत गारंटीशुदा राशि उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत का आकलन किया जा सके। एवाईपी की गारंटीशुदा पेंशन 5,000 रुपये प्रति माह की होती है, हालांकि यह सब्सक्राइबर्स के योगदान पर निर्भर करता है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक रिलीज में कहा गया है कि पीएफआरडीए ने अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन गारंटी के अंतर्गत फंडिंग गैप में आई संभावित गिरावट का आकलन करने से लिए जानी मानी ऐक्चूएरियल फर्म से अभिरुचि पत्र मंगवाए हैं। शर्तों के मुताबिक इन फर्मों को पिछले पांच वित्त वर्षो के दौरान कम से कम 10 फंडों के मूल्यांकन का अनुभव होना चाहिए और साथ ही उनमें से कम से कम दो फंडों का न्यूनतम आकार 5,000 करोड़ रुपये का होना चाहिए।
अटल पेंशन योजना को मई 2015 में लॉन्च किया गया था और इस स्कीम का फायदा 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक की उम्र के सब्सक्राइबर्स ले सकते हैं। यह योजना असंगठित क्षेत्र में समाज के वंचित तबकों को लक्षित करती है। अभी तक इस योजना के 1.08 करोड़ सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं और इसके सब्सक्राइबर्स से 4,5000 करोड़ रुपये की रकम जुटाई जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि अटल पेंशन योजना के जरिये सरकार की कोशिश असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराना है। इस योजना के सदस्यों को उनकी ओर से किए गए योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद प्रति माह 1000 रुपये, दो हजार रुपये, तीन हजार रुपये, चार हजार रुपये और पांच हजार रुपये महीने पेंशन दिए जाने का प्रावधान है।