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क्रैश हुआ पाकिस्तानी शेयर बाजार - IMF से राहत में हो रही देरी और गिरते रुपये से हलकाई हुई अर्थव्यवस्था

शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) की तरफ से मौद्रिक नीति की घोषणा और पाकिस्तानी रुपये में आई गिरावट की वजह से शेयर बाजार क्रैश कर गया।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 12:32 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 12:50 PM (IST)
क्रैश हुआ पाकिस्तानी शेयर बाजार - IMF से राहत में हो रही देरी और गिरते रुपये से हलकाई हुई अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत मिलने में हो रही देरी और रुपये की खराब हालत की वजह से पाकिस्तान का शेयर बाजार सोमवार को क्रैश कर गया। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन खुलते के साथ ही कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसई-100) 1300 से अधिक अंकों का गोता लगा गया। शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) की तरफ से मौद्रिक नीति की घोषणा और पाकिस्तानी रुपये में आई गिरावट की वजह से शेयर बाजार क्रैश कर गया।

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सोमवार को केएसई-100, 40,496 के स्तर पर खुला और कुछ ही मिनटों में यह 39,100 के निचले स्तर तक लुढ़क गया।

पिछले चार महीनों में पाकिस्तानी बाजार निवेशकों के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ है। गहराते आर्थिक संकट और अर्थव्यवस्था के डिफॉल्ट होने की आशंका की वजह से वहां का शेयर बाजार काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है और पिछले चार महीनों में केएसई-100 इंडेक्स में 4 फीसद तक की गिरावट आई है।

इमरान खान की नई सरकार बनने के बाद भी शेयर बाजार को राहत नहीं मिली है। इमरान के शपथग्रहण के वक्त केएसई 42,447 पर था, जो इस क्रैश के बाद 39,000 के स्तर पर आ चुका है।

पाकिस्तानी रुपये में आ रही गिरावट के बाद से वहां का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है, जिससे भुगतान संतुलन के बिगड़ने की आशंका जोर पकड़ रही है। मौजूदा भाव पर एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत करीब 144 रुपये हो चुकी है।

हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है SBP पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक रुपये की कमजोरी को थामने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान कोई भी कोशिश नहीं कर रहा है। यही वजह रही कि डॉलर की मजबूत मांग और विदेश कर्ज का भुगतान किए जाने की वजह से शुक्रवार को रुपया ऐतिहासिक रूप से कमजोर होकर 144 के स्तर पर चला गया।

हालांकि इसके बाद भी एसबीपी की तरफ से कोई राहत नहीं दी गई। पाकिस्तानी रुपये में यह सबसे बड़ी ऐतिहासिक गिरावट है।

चौतरफा हाहाकार गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान के कर्ज की मांग को लेकर अमेरिका सतर्क हो गया है। अमेरिका को शक है कि पाकिस्तान आईएमएफ से कर्ज लेकर चीन का कर्ज चुका सकता है। इसलिए आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देने के पहले चीनी कर्ज की जानकारी सार्वजनिक किए जाने की मांग कर रहा है।

इसके साथ ही आईएमएफ पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की समीक्षा कर रहा है, जिससे उसे कर्ज मिलने में देरी हो रही है और इसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

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