न्यूमेटल ने एस्सार स्टील के लिए लगाई 37000 करोड़ रुपये की बोली
एस्सार स्टील के लिए पहले दौर में बोली लगाने वाली दोनों कंपनियों की बोली खारिज कर दी गई थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कर्ज के बोझ तले दबी एस्सार स्टील की खरीद को लेकर रूस की वीटीबी कैपिटल समर्थित न्यूमेटल लिमिटेड और आर्सेलरमित्तल के बीच नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) में खींचतान तेज हो गई है। एक तरफ न्यूमेटल ने गुरुवार को एनक्लैट में याचिका दायर कर कहा कि उसने एस्सार स्टील के लिए दूसरे दौर में 37,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसे दोबारा खोली जानी चाहिए। दूसरी तरफ, इस वर्ष फरवरी में पहले दौर में ही बोली जीत चुकी आर्सेलरमित्तल ने दूसरे दौर की बोली का विरोध करते हुए एनक्लैट से आग्रह किया है कि सिर्फ पहले दौर की बोलियों पर विचार होना चाहिए।
एनक्लैट के चेयरमैन जस्टिस एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख दी है। गौरतलब है कि एस्सार स्टील पर करीब 49,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
एस्सार स्टील की खरीद के लिए दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे के खिलाफ एनक्लैट में याचिकाएं दायर कर रखी हैं। याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे एनक्लैट के सामने न्यूमेटल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि दूसरे दौर की बोली खुलने से एस्सार स्टील के कर्जदाताओं को ज्यादा रकम मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्यूमेटल ने दूसरे दौर में 37,000 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है, जो पहले दौर के मुकाबले बहुत अच्छा है।
एस्सार स्टील के लिए पहले दौर में बोली लगाने वाली दोनों कंपनियों की बोली खारिज कर दी गई थी। इसकी वजह यह थी कि न्यूमेटल में एस्सार स्टील के प्रमोटर रुइया परिवार के ऑरोरा ट्रस्ट की 25 फीसद हिस्सेदारी थी। दूसरी तरफ आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी कर्ज चुकाने में विफल रही दो कंपनियों उत्तम गल्वा स्टील और के. एस. एस. पेट्रॉन में थी। दूसरे दौर में बोली लगाने वालों में वेदांता रिसोर्सेज और जेएसडब्ल्यू भी शामिल हो गई। हालांकि जेएसडब्ल्यू ने न्यूमेटल के साथ बोली लगाई है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कानून के तहत कर्ज चुकाने में विफल रही कंपनी या उसके प्रमोटर तथा दिवालियापन प्रक्रिया वाली कंपनी के प्रमोटर बोली नहीं लगा सकते।
रेनेसां, भूषण स्टील प्रमोटर को राहत
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) ने रेनेसां स्टील को राहत देते हुए उसकी वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें कंपनी ने कर्ज तले दबी इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स की खरीद के लिए वेदांता की बोली को चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई के लिए एनक्लैट ने 28 मई की तारीख दी है। गौरतलब है कि रेनेसां की समाधान योजना को इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स के कर्जदाताओं ने खारिज कर दिया था।
वहीं, एनक्लैट टाटा स्टील द्वारा भूषण स्टील के अधिग्रहण के खिलाफ खिलाफ भूषण स्टील के प्रमोटर नीरज सिंगल की याचिका अगले हफ्ते सुनने को तैयार हो गया है। भूषण स्टील में 22 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले सिंगल ने फिलहाल अधिग्रहण पर यथास्थिति बनाए रखने का आग्रह किया है। एनक्लैट ने मामले की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया है।