सरकार ने श्रम कानून के मोर्चे पर किये कई अहम बदलाव: पीएम मोदी
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए इंस्पेक्टर राज खत्म करने के लिए बनाया गया है
नई दिल्ली (बिजनेसे डेस्क)। देश में कारोबार सुगमता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि उस मोर्चे पर कई कदम उठाए गये हैं। एक मैगजीन को दिये साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि सभी मौजूदा श्रम कानूनों का सरलीकरण, उन्हें तर्कसंगत और चार लेबर कोड में उन्हें मिला दिया गया है। पहले विभिन्न कानूनों के लिए 56 रजिस्टर्स संभालने पड़ते थे, अब उनकी जगह पांच सामान्य रजिस्टर्स पेश कर दिये गये हैं। साथ ही इसके फॉर्म की संख्या जो 36 थी उन्हें घटाकर अब 12 कर दिया गया है। कंपनी बनाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और अब यह काम महज 24 घंटों में पूरा किया जा सकता है।
नगर निगम के अधिकारियों से बिल्डिंग के लिए मंजूरी प्रक्रिया को दिल्ली में 24 से घटाकर आठ और मुंबई में 37 से कम करके आठ कर दिये गये हैं। निर्माण के लिए आवेदन से लेकर मंजूरी तक की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया और इसके लिए किसी से मिलने या संपर्क करने के लिए कोई जरूरत नहीं है।
हलफनामे की आवश्यकता को खत्म कर ई-अंडरटेकिंग से इसे रिप्लेस कर दिया गया है। इसका विस्तार सभी शहरी स्थानीय बॉडीज तक कर दिया गया है। हमने पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन व अनुमति के लिए एक सिस्टम शुरू किया है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए इंस्पेक्टर राज खत्म करने के लिए बनाया गया है। रिटर्न से लेकर रिफंड तक, हर चीज अब ऑनलाइन हो गई है।
श्रम सुविधा पोर्टल के संबंध में पीएम मोदी ने कहा, “विभिन्न श्रम अनुपालनों के लिए एक ही जगह से लॉग इन किया जा सकता है। अधिकांश सरकारी स्कीमों में हमने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर (डीबीटी) या नकदी हस्तांतरण शुरू कर दिया है। मैं इस संबंध में काफी देर तक बोल सकता हूं लेकिन आपके पास जगह कम पड़ जाएगी।”