शेयर बाजार में 14,000 करोड़ के आइपीओ दस्तक देने को तैयार
लोढ़ा डेवलपर्स और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड समेत सात कंपनियों के आइपीओ पूंजी बाजार में दस्तक देने को तैयार हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगले कुछ हफ्तों में लोढ़ा डेवलपर्स और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड समेत सात कंपनियों के आइपीओ पूंजी बाजार में दस्तक देने को तैयार हैं। इन आइपीओ से 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जुटने की उम्मीद है। मर्चेट बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, सबसे पहले टीसीएनएस क्लोथिंग का आइपीओ इस हफ्ते आएगा। कंपनी इससे 1,125 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है।
इसके अलावा लोढ़ा डेवलपर्स, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, नेकांती सी फूड्स, फ्लेमिंगो ट्रैवल रिटेल, पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर और जीनियस कंसल्टेंट्स के आइपीओ अगले कुछ हफ्तों में आने की उम्मीद है। इन सात कंपनियों के आइपीओ से कुल 14,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए जाने का अनुमान है। कंपनियां कारोबार के विस्तार, कर्ज का भुगतान और कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए आइपीओ ला रही हैं।
एक मर्चेंट बैंकर ने कहा कि इन कंपनियों को आइपीओ लाने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इस बीच, सेबी ने रेल मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उपक्रम इरकॉन के आइपीओ को भी मंजूरी दे दी है। 500 करोड़ रुपये का यह आइपीओ सितंबर में आ सकता है।
क्या होता है आइपीओ:
जब कोई कंपनी पहली बार आम लोगों के सामने कंपनी का कुछ हिस्सा बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहा जाता है। इसके लिए कंपनियां खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराकर अपने शेयर निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव लाती हैं। लिस्टेड होने के बाद कंपनी के शेयर्स की खरीद और बिक्री शेयर बाजार में संभव होती है।
कंपनियां इसलिए लाती हैं आइपीओ:
आइपीओ वे कंपनियां लाती हैं जिन्हें पूंजी की आवश्यकता होती है। जब किसी कंपनी के पास नकदी नहीं होती है और वो बैंक से कर्ज लेने की सूरत में भी नहीं होती है तो ऐसी कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए आइपीओ का सहारा लेती हैं। इसके सहारे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कारोबार विस्तार में किया जाता है।