भारत ने OPEC को चेताया, कहा कच्चा तेल महंगा होने से घटेगी मांग
कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति डॉलर की ओर बढ़ती रहीं, तो 2025 तक मांग में रोजाना 10 लाख बैरल तक की कमी आ सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर ओपेक देशों को चेताया है। भारत का कहना है कि कीमतें ऊंचे स्तर पर बने रहने से मांग में 10 लाख बैरल प्रतिदिन तक की कमी आ सकती है।
पिछले हफ्ते विएना में हुई पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उनके साथ गए अधिकारियों ने तेल उत्पादकों के समक्ष उपभोक्ता देशों का पक्ष रखा। प्रधान और इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने बढ़ी कीमतों से मांग पर पड़ने वाले असर को लेकर एक अनौपचारिक पत्र भी उत्पादक देशों के सामने रखा। इसमें बताया गया कि यदि कीमतें 100 डॉलर प्रति डॉलर की ओर बढ़ती रहीं, तो 2025 तक मांग में रोजाना 10 लाख बैरल तक की कमी आ सकती है। भारत में 2017-18 में रोजाना औसतन 40 लाख बैरल तेल की मांग रही थी। एक साल पहले के मुकाबले इसमें 5.3 फीसद की वृद्धि हुई थी। जानकारों का मानना है कि भारतीय बाजार कीमत के प्रति संवेदनशील है। कीमतों में उछाल से मांग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
बैठक के बाद ओपेक देशों ने उत्पादन बढ़ाने पर सहमति जताई है। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने इस फैसले पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि ओपेक देशों ने उपभोक्ताओं की आवाज सुनी है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी खुशी की बात है कि ओपेक देशों ने पहली बार कीमतों में स्थिरता को लेकर बाजार की आपत्तियों को संज्ञान में लिया है।
उत्पादन बढ़ने के फैसले से कीमतों में गिरावट
ओपेक देशों की बैठक में 10 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाने पर बनी सहमति के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। दिन के कारोबार में ब्रेंट क्रूड 1.15 डॉलर गिरकर 74.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। पिछले हफ्ते हुई बैठक के तुरंत बाद फैसले में स्पष्टता नहीं होने से कीमतें बढ़ी थीं।