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तेल आयात के लिए अमेरिका-ईरान के बीच सामंजस्य बनाने में जुटा भारत

अमेरिका चाहता है कि भारत ईरान से तेल खरीदना बंद कर दे

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 11:35 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:35 AM (IST)
तेल आयात के लिए अमेरिका-ईरान के बीच सामंजस्य बनाने में जुटा भारत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। तेल आयात को लेकर भारत अपने नए रणनीतिक सहयोगी देश अमेरिका और पुराने मित्र राष्ट्र ईरान के बीच सामंजस्य बनाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में सोमवार को विदेश सचिव विजय गोखले और ईरान के उप विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची की अगुआई में तेल आयात समेत तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। मंगलवार को इस मुद्दे पर भारत का रुख जानने के लिए अमेरिका का दल नई दिल्ली पहुंच रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत ईरान से तेल खरीदना बंद कर दे। दूसरी तरफ ईरान अपने पुराने संबंधों की दुहाई देते हुए और आकर्षक शर्तों पर तेल बेचने का प्रस्ताव दे रहा है।

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ईरान और भारत के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई कि तेल आयात को किस तरह से आगे भी जारी रखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक ईरान ने कहा है कि वह भारत का पुराना व सबसे भरोसेमंद तेल आपूर्तिकर्ता देश रहा है और आगे भी यह स्थिति बनी रहनी चाहिए। ईरान की तरफ से प्रस्ताव भी आया है कि जिस तरह से में अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत व ईरान के बीच तेल सौदा जारी रहा था, वैसी ही व्यवस्था अभी भी की जा सकती है। ईरानी दल ने अमेरिकी दबाव पर भारत का पक्ष भी जानना चाहा। जवाब में कहा गया कि भारत ने अभी ईरान से तेल आयात को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।

सूत्रों के मुताबिक भारत इस बारे में कोई भी फैसला अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर करेगा, लेकिन यह फैसला अमेरिकी दल के साथ विमर्श के बाद ही किया जाएगा। अमेरिका का जो दल भारत आ रहा है वह मुख्य तौर पर यह जानने की कोशिश करेगा कि ईरान के तेल पर भारत की निर्भरता कितनी है और अगर भारत उससे तेल नहीं खरीदता है तो उस पर क्या असर होगा। सूत्रों के मुताबिक भारत अमेरिकी दल के सामने ईरान पर लगे प्रतिबंध से खुद को अलग रखने का मुद्दा सामने रखेगा। भारत यह भी तर्क रख सकता है कि चूंकि वह ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिये अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में मदद कर रहा है इसलिए भारत व ईरान के रिश्ते को इस नजरिए से भी देखना चाहिए। बताते चलें कि ईरान पर अमेरिका की तरफ से जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उनका पहला चरण छह अगस्त से शुरू होगा जबकि दूसरा चरण चार नवंबर से शुरु होगा। अमेरिका ने कहा है कि ईरान के साथ कारोबार करने वाले देशों को नवंबर के बाद इसे बंद करना होगा, नहीं तो उनकी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सनद रहे कि ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है। लेकिन अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से भारतीय तेल कंपनियों के लिए वहां से तेल खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। भारतीय तेल कंपनियों ने फिलहाल ईरान से तेल खरीदने में कटौती भी शुरू कर दी है। लेकिन, भारत पूरी तरह से ईरान से तेल खरीदना बंद करेगा या नहीं, यह अगले दो दिनों के भीतर अमेरिकी दल के साथ होने वाली बातचीत और उसके बाद अमेरिका के रुख से तय होगा। वैसे भारत और ईरान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की अगली बैठक नवंबर में होगी।


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